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आदमखोर तेंदुए का कोई अता पता नहीं, Chhattisgarh में जाने की आशंका

झारखंड सरकार के आदेश पर जिस आदमखोर तेंदुए की तलाश शुरू की गई थी, उसका एक सप्ताह से अधिक समय से कोई अता-पता नहीं है और शिकारी नवाब सफथ अली खान ने उसके छत्तीसगढ़ जाने की आशंका जताई है।
ऐसा बताया जा रहा है कि इस आदमखोर तेंदुए ने पलामू प्रमंडल के गढ़वा जिले में तीन और लातेहार जिले में एक बच्चे की जान ली थी और आधे दर्जन लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था जिससे ग्रामीण एवं वन अंचलों में दहशत का माहौल है। सरकार ने इस तेंदुए को मारने के आदेश दिए हैं।

आदमखोर तेंदुए को मारने की निर्धारित अवधि बुधवार को खत्म होने के साथ ही गढ़वा के प्रादेशिक वन प्रमंडलों के अधिकारी (डीएफओ) अब अपने उच्चाधिकारियों से इस संबंध में नये आदेश मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
पलामू बाघ अभयारण्य के क्षेत्रीय निदेशक एवं प्रभारी क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक कुमार आशुतोष ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आदमखोर तेंदुए को मारने की तय समय सीमा बुधवार को खत्म हो गयी और पिछले एक पखवाड़े से तेंदुए की कोई गतिविधि पलामू, गढ़वा एवं लातेहार जिले में नहीं देखी गयी है।

उन्होंने बताया कि आदमखोर तेंदुआ संभवतः छत्तीसगढ़ में घुस गया है।
आदमखोर तेंदुए को मारने के लिए हैदराबाद से आये विशेषज्ञ नवाब शफथ अली खान ने तेंदुए को खोजने की कोशिश की, मगर उसकी कोई हलचल नहीं दिखाई पड़ी।
खान ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, ‘‘22 जनवरी के बाद से जानवर का कोई पता नहीं चला है। उसके पैरों के निशान के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि वह छत्तीसगढ़ चला गया है।

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