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एमनेस्टी इंटरनेशनल ने म्यांमा में विमानन ईंधन की आपूर्ति रोकने का किया आग्रह

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने म्यांमा को विमानन ईंधन की आपूर्ति करने वालों को वहां अपनी सेवाएं निलंबित करने का आग्रह किया है क्योंकि उसका इस्तेमाल करके नागरिकों को निशाना बनाने वाले हवाई हमलों की संख्या बढ़ रही है।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार, लंदन स्थित मानवाधिकार समूह को आम नागरिकों की यात्रा व परिवहन के लिए इस्तेमाल होने वाले विमानन ईंधन को सेना को दिए जाने के सबूत मिले हैं।
एमनेस्टी ने विमानन ईंधन आपूर्ति श्रृंखला में रिफाइनर, शिपिंग कंपनियों और अन्य लोगों को उनकी खेप तब तक रोकने को कहा है, जब तक कि वे यह सुनिश्चित नहीं कर लेते कि उसका इस्तेमाल सेना द्वारा नहीं किया जा रहा।

यह रिपोर्ट संगठन ‘जस्टिस फॉर म्यांमार’ के साथ मिलकर पेश की गई। म्यांमा की चुनी हुई सरकार को सत्ता से बाहर करके सेना के फरवरी 2021 में देश की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद उन लोगों के हवाई हमलों में मारे जाने की खबरों के बाद यह रिपोर्ट पेश की गई, जिनका लड़ाई से सीधे तौर पर कोई लेना देना नहीं था।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने एक बयान में कहा, ‘‘ इन हवाई हमलों ने कई परिवारों को तबाह कर दिया, नागरिकों को झकझोर दिया है…कई मारे गए हैं और कई विकलांग हो गए हैं, लेकिन अगर इन विमानों को ईंधन नहीं मिलेगा तो वे न उड़ान भर पाएं और न ताबही मचाएंगे।

आज हम आपूर्तिकर्ताओं, शिपिंग एजेंट, जाहजों के मालिकों और जहाजरानी बीमाकर्ताओं से म्यांमा वायु सेना को मदद देने वाली खेप को रोकने का आग्रह करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सेना को विमानन ईंधन उपलब्ध कराने को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता जिसने मानवाधिकारों की घोर अवहेलना की है और जिस पर बार-बार युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और अन्य गंभीर मानवाधिकार के उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है।’’

सेना के हवाई हमलों में कम से कम 80 लोगों की जान गई है, जिसमें वे गायक व संगीतकार भी शामिल हैं जो पिछले महीने काचिन जातीय अल्पसंख्यक के मुख्य राजनीतिक संगठन के वर्षगांठ समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
सेना के देश की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद इस हवाई हमले से सबसे अधिक लोग मारे गए थे।
पूर्वी म्यांमा में करेन जातीय अल्पसंख्यक के नागरिक भी इस साल की शुरुआत में हवाई हमलों में मारे गए थे।
सेना का कहना है कि ‘‘आतंकवादी’’ संगठनों से निपटने के लिए ऐसे हमले जरूरी हैं।

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