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China हो रहा ध्वस्त, बाजार गिर रहे हैं, ट्रंप ने अपने टैरिफ के दांव को सही ठहराया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को अपने सबसे बड़े दुर्व्यवहारकर्ता चीन पर टैरिफ की सफलता का बखान किया और दावा किया कि अमेरिकी आयात पर शुल्क लगाने के बाद से चीनी बाजार में भारी गिरावट आई है। ट्रुथसोशल पर एक पोस्ट में ट्रम्प ने कहा कि तेल की कीमतें कम हो गई हैं, ब्याज दरें कम हो गई हैं, खाद्य पदार्थों की कीमतें कम हो गई हैं, कोई मुद्रास्फीति नहीं है, और लंबे समय से दुर्व्यवहार का शिकार अमेरिका पहले से लागू टैरिफ का दुरुपयोग करने वाले देशों से प्रति सप्ताह अरबों डॉलर ला रहा है। ट्रंप ने टैरिफ के मामले में चीन को सबसे बड़ा दुरुपयोगकर्ता बताया क्योंकि बीजिंग ने 34 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में अमेरिका से आने वाले सामानों पर इतना ही फीसदी का जवाबी शुल्क लगाया है। उन्होंने कहा कि यह इस तथ्य के बावजूद है कि सबसे बड़ा दुर्व्यवहार करने वाला देश चीन, जिसके बाजार गिर रहे हैं, ने अपने टैरिफ में 34% की वृद्धि की है, जो कि उसके दीर्घकालिक हास्यास्पद रूप से उच्च टैरिफ के ऊपर है, दुर्व्यवहार करने वाले देशों ने जवाबी कार्रवाई न करने की मेरे। चेतावनी को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने दशकों से अमेरिका का फायदा उठाकर बहुत कुछ गलत किया है। उन्होंने कहा कि चीन अब ध्वस्त हो रहा है। 

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चीन ने आरोप लगाया कि अमेरिका शुल्क (टैरिफ) लगाने के साथ मनमानी कर रहा है तथा आर्थिक धौंस दिखा रहा है। उसने टेस्ला समेत अमेरिकी कंपनियों के प्रतिनिधियों को टैरिफ मामले के हल के लिए ठोस कदम उठाने को कहा। विदेश मामलों के प्रवक्ता लिन जियान ने संवाददाताओं से कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों पर अमेरिका को प्राथमिकता देने से वैश्विक उत्पादन और आपूर्ति शृंखला की स्थिरता को नुकसान पहुंचता है और दुनिया की आर्थिक सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक मुखपत्र पीपुल्स डेली ने कड़े शब्दों में विचार व्यक्त किए। उसने कहा कि आसमान नहीं गिरेगा, भले ही अमेरिकी टैरिफ का असर हो। उसने लिखा अमेरिकी करों के अंधाधुंध प्रकोप के बावजूद हम जानते हैं कि हम क्या कर रहे हैं और हमारे पास साधन हैं। 

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पिछले हफ्ते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया, जो फरवरी और मार्च में पहले से घोषित 10 प्रतिशत टैरिफ के अतिरिक्त है। चीन और अन्य सरकारों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की। चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत टैरिफ दर की घोषणा की। हालांकि चीन के कुछ अधिकारियों ने सप्ताहांत में टेस्ला, जीई हेल्थकेयर और अन्य समेत अमेरिकी कारोबारी प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उप वाणिज्य मंत्री लिंग जी ने 20 अमेरिकी कंपनियों के साथ बैठक में कहा शुल्क समस्या की जड़ अमेरिका में है।

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