कनाडा ने अपना नया पीएम चुन लिया है। इसके लिए सोमवार यानी 28 अप्रैल को कनाडा में वोटिंग हुई और अब फेडरल इलेक्शन के लिए मतदान खत्म होने के बाद नतीजे भी आ गए हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने देश के संघीय चुनाव में जीत हासिल की। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कनाडा के अमेरिका में विलय की धमकियों और व्यापार युद्ध ने लिबरल पार्टी की इस जीत में अहम भूमिका निभाई। कार्नी के प्रतिद्वंद्वी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलिवरे अपनी सीट हार गए। सोमवार को हुए चुनाव में ओटावा जिले का प्रतिनिधित्व करने वाली सीट पर हार से पोलिवरे का भविष्य दांव पर लग गया। पोलिवरे को कुछ महीने पहले कनाडा के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देखा जा रहा था।
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मार्क कार्नी कौन हैं?
59 वर्षीय मार्क कार्नी एक बहुत ही सम्मानित अर्थशास्त्री और पूर्व केंद्रीय बैंकर हैं, जिन्हें बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड दोनों में उनके नेतृत्व के लिए जाना जाता है। कार्नी का जन्म 16 मार्च, 1965 को कनाडा के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के फोर्ट स्मिथ के छोटे से शहर में हुआ था और उनका पालन-पोषण एडमॉन्टन, अल्बर्टा में हुआ था। उन्होंने 1988 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में आगे की पढ़ाई की, जहाँ उन्होंने अर्थशास्त्र में मास्टर और डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की। कई कनाडाई लोगों की तरह, कार्नी को भी आइस हॉकी का शौक था और उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में हार्वर्ड की टीम के लिए बैकअप गोलकीपर के रूप में भी काम किया। कार्नी ने 2008 से 2013 तक बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर के रूप में कार्य किया, जहाँ उन्होंने वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान देश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस अवधि के दौरान उनके नेतृत्व ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
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खालिस्तान समर्थन एनडीपी से राष्ट्रीय दर्जा भी छिना
कनाडा के चुनाव नतीजों में खालिस्तान समर्थक एनडीपी (नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी) को करारा झटका लगा है। एनडीपी को कुल 343 में से 7 ही सीटें मिली हैं। एनडीपी से कनाडा की राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिन गया है। जबकि पिछले चुनाव में एनडीपी 25 सीटें जीतकर किंगमेकर बनी थी। एनडीपी के समर्थन से तत्कालीन पीएम जस्टिन ट्रूडो ने चार साल तक सरकार चलाई थी। एनडीपी पार्टी प्रमुख जगमीत सिंह अपनी परंपरागत सीट बर्नाबी से चुनाव हार गए। जगमीत इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहे। जबकि पिछले चुनाव में जगमीत ने इस सीट पर एकतरफा 56% वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार जगमीत को मात्र 27% ही वोट मिले हैं। जगमीत की पार्टी ने सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, पार्टी के जो 7 प्रत्याशी जीते हैं उनमें से कोई भारतीय मूल का नहीं है। एनडीपी सिख बहुल ब्रेम्पटन-मिसिगा में भी नहीं जीत पाई। चुनाव नतीजों से भारत विरोधी एनडीपी के जगमीत सिंह और लिबरल पार्टी के नेता जस्टिन टूडो कनाडा की राजनीति से आउट हो गए हैं। जगमीत ने एनडीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।