बांग्लादेश में यूनुस सरकार की तानाशाही इस वक्त जोरों पर है। बांग्लादेश में लड़कियों के फुटबॉल खेलने पर भी हंगामा हो गया। जॉयपुरहाट शहर में लड़कियों का फुटबॉल मैच था। मैच से पहले मदरसे के छात्रों ने आकर हंगामा कर दिया। इन छात्रों ने मैदान को ही तहस नहस कर दिया। बांग्लादेश में लड़कियों के फुटबॉल खेलने का विरोध हो रहा है। हालत ऐसी हो गई है कि बांग्लादेश में लड़कियां न तो खेल सकती हैं। न तो पढ़ सकती हैं। वो केवल घर की चार दीवारियों में कैद रहे यही ज्यादा बेहतर है। ये सब करने वाले मदरसे के पढ़े हुए छात्र थे। जिन्हें शायद यही सिखाया गया कि अगर लड़कियां कहीं खेल रही हैं या फिर लड़कियां घर से बाहर कदम रख दिया हो तो मैदान तहस नहस कर दो या उन्हें घर की चार दीवारियों में कैद कर दो। तथाकथित पीस नोबल प्राइज विनर मोहम्मद यूनुस की लीडरशिप में बांग्लादेश इस हद तक कट्टरपंथ के जाल में अब फंस चुका है कि ये धीरे धीरे पाकिस्तान से भी बुरा पड़ोसी बनने की तैयारी कर रहा है।
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कट्टरपंथियों ने आरोप लगाया कि फुटबॉल खेलने वाली लड़कियां पर्दा नहीं करती हैं। इस्लामी भीड़ ने चेतावनी दी है कि आगे भी ऐसे आयोजन ना हों। एक कट्टरपंथी ने ऐलान किया कि मैं उन लोगों को चेतावनी देना चाहता हूँ जो हमारी महिलाओं को बेपर्दा करके पैसा कमाना चाहते हैं। सावधान रहें। महिलाओं के सभी खेल बंद कर दो। अगर तुम नहीं रुकते, तो हम अपनी ताकत दिखाएँगे।
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एक स्थानीय धार्मिक स्कूल के प्रधानाध्यापक अबू बक्कर सिद्दीकी ने कहा कि वह अपने छात्रों और कई अन्य धार्मिक स्कूलों के शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि लड़कियों का फुटबॉल गैर-इस्लामिक है। यह हमारा धार्मिक कर्तव्य है कि जो कुछ भी हमारी मान्यताओं के विरुद्ध हो उसे रोकें। यह घटना तब हुई जब मंगलवार को पास के शहर दिनाजपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा लाठियां लेकर इसी तरह के प्रदर्शन के बाद एक और मैच स्थगित कर दिया गया। शिक्षक मोनिरुज्जमान जिया ने एएफपी को बताया कि मैच शुरू होने से आधे घंटे पहले ही स्थगित कर दिया गया। हमें लड़कियों को जल्दी से सुरक्षित स्थान पर ले जाना पड़ा। स्थानीय सरकारी अधिकारी अमित रॉय ने कहा कि जब प्रदर्शनकारियों और प्रति-प्रदर्शनकारियों ने एक-दूसरे पर ईंटें फेंकी तो चार लोग घायल हो गए, लेकिन सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। घटना की बांग्लादेश फुटबॉल महासंघ (बीएफएफ) ने कड़ी निंदा की।