Breaking News

इजराइल के समर्थन में मजबूत बयान देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं: भारतीय-अमेरिकी यहूदी नेता

भारतीय यहूदी समुदाय हमास के हमले के बाद इजराइल के समर्थन में मजबूत बयान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभारी है। एक भारतीय-अमेरिकी यहूदी नेता ने यह बयान दिया।
‘पीअीआई’ से बातचीत में वाशिंगटन डीसी स्थित अमेरिकी यहूदी समिति के एशिया प्रशांत संस्थान के सहायक निदेशक निसिम रुबिन ने कहा कि देश के अन्य निवासियों की तरह इजराइल में भारतीय यहूदी समुदाय भी सात अक्टूबर को किये गये हमास के क्रूर हमले से ‘‘गंभीर रूप से प्रभावित’’ हुआ है।

उन्होंने कहा कि इस हमले में 1,300 से अधिक लोग मारे गए।
उन्होंने कहा, “हम सात अक्टूबर के हमले के कुछ घंटों के भीतर इजराइल के समर्थन में मजबूत बयान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बहुत आभारी हैं। अगले दिन प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने उनसे बात की, जो दोनों देशों और दोनों नेताओं के बीच संबंध को दर्शाता है।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 अक्टूबर को अपने इजराइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से कहा कि भारत के लोग इस कठिन समय में उनके देश के साथ मजबूती से खड़े हैं। मोदी ने आतंकवाद के सभी रूपों की स्पष्ट रूप से कड़ी निंदा की।

पिछले 20 वर्षों से वाशिंगटन डीसी में कार्यरत रुबिन ने कहा, ‘‘मैं एक भारतीय यहूदी हूं, मूल रूप से अहमदाबाद का हूं, लेकिन मेरे परिवार के अधिकतर सदस्य इजराइल में रहते हैं।’’ रुबिन का काम भारत और भारतीय अमेरिकी प्रवासियों को केंद्र में रखकर अमेरिका, इजराइल और एशिया में साझेदारी बनाने पर केंद्रित है।

उन्होंने युद्धग्रस्त देश में भारतीय यहूदी समुदाय की वेदना का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हमने भारतीय मूल की एक युवा महिला यहूदी सैनिक को खो दिया, जिसे सात अक्टूबर को हमले के पहले दिन आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में जान गंवानी पड़ी।’’

आधिकारिक सूत्रों और समुदाय के लोगों ने रविवार को पुष्टि की कि फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास द्वारा किए गए अप्रत्याशित हमले में भारतीय मूल की कम से कम दो इजराइली महिला सुरक्षा अधिकारी मारी गईं। बताया जाता है कि ये दोनों ही युद्ध में ड्यूटी के दौरान मारी गईं।

रुबिन ने कहा कि इजराइल हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है।
रुबिन ने कहा, ‘‘जब दोनों देशों के बीच निम्न-स्तरीय राजनयिक संबंध थे, तब भी इजराइल 1965, 1962, 1971 और विशेष रूप से 1999 के करगिल युद्ध में भारत की सहायता के लिए आगे आया था। आज हम देख रहे हैं कि भारत के लोगों से इस मदद का प्रतिफल कई गुना मिल रहा है।’’

रुबिन ने कहा, ‘‘इजराइल में भारतीय मूल के 90,000 यहूदी हैं। 30,000 भारतीय नागरिक हैं जो अधिकतर देखभालकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं। हमने उनमें से किसी से अपनी नौकरी छोड़कर भारत लौटने के बारे में नहीं सुना क्योंकि वे इजराइली समाज का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

Loading

Back
Messenger