पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने एक संबोधन में दो-राष्ट्र सिद्धांत का बचाव करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग राष्ट्र हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी संस्कृति, महत्वाकांक्षा, विचारधारा और कई अन्य पहलुओं में ‘हिंदुओं’ से अलग हैं। उन्होंने कश्मीर को इस्लामाबाद की गले की नस भी बताया और इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान इसे नहीं भूलेगा। इस्लामाबाद में ओवरसीज पाकिस्तानियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुनीर ने कहा पाकिस्तान का निर्माण मुसलमानों को हिंदुओं से अलग करने के लिए किया गया था, क्योंकि वे हर पहलू – परंपराओं, विचारों और महत्वाकांक्षाओं में भिन्न हैं।
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उन्होंने उपस्थित लोगों से आग्रह करते हुए कहा अपने बच्चों को यह सिखाएं ताकि वे पाकिस्तान का इतिहास न भूलें। हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर संभव पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा धर्म अलग है, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं…यही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी। हम दो राष्ट्र हैं। पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत और पाकिस्तान की संस्कृतियां अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म अलग-अलग हैं, हमारे रीति-रिवाज अलग-अलग हैं, हमारी परंपराएं अलग-अलग हैं, हमारे विचार अलग-अलग हैं और हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग-अलग हैं; यहीं से दो-राष्ट्र सिद्धांत की नींव रखी गई। हम दो राष्ट्र हैं; हम एक राष्ट्र नहीं हैं।
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पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में भारतीय सेना का भी जिक्र किया। उन्होंने पाकिस्तान की इस आशंका का जवाब दिया कि इस्लामाबाद को आतंकवादी गतिविधियों के कारण निवेश नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि 1.3 मिलियन की मजबूत भारतीय सेना, अपने सभी साधनों के साथ, अगर वे हमें डरा नहीं सकते, तो क्या आपको लगता है कि ये आतंकवादी पाकिस्तान के सशस्त्र बलों को दबा सकते हैं? इस्लामाबाद में पहले ओवरसीज पाकिस्तानियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “यहां तक कि आतंकवादियों की 10 पीढ़ियां भी बलूचिस्तान या पाकिस्तान को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं।” सम्मेलन में विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी भी शामिल हुए थे।
Pakistan Army Chief General Asim Munir spews hate against #Hindus and propagates the #TwoNationTheory, which failed in 1971 when Bangladesh got independence from Pakistan. He asserts that children must be taught such “falsehoods” since it’s easier to brainwash youth. Shameful! pic.twitter.com/vaVZhEK4v8