6 अप्रैल को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से एक हवाई जहाज ने अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन के लिए उड़ान भरी। लेकिन सीधे जाने की बजाय 248 मील यानी करीब 400 किलोमीटर लंबा टेढ़ा रास्ता चुना। क्योंकि हवाई जहाज में वो शख्स था जिसपर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है। नेतन्याहू व्हाइट हाउस पहुँचे। ओवल ऑफिस में नेतन्याहू की ट्रम्प से मुलाकात हुई। ट्रम्प ने पत्रकारों से बताया कि उनकी इजरायली पीएम से ईरान पर बात हुई। मीडिल ईस्ट में ईरान को अलग थलग करने की अमेरिका की रणनीति है। अब खबर आई है कि ईरान अमेरिका के साथ बातचीत को तैयार हो गया है।
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बातचीत के लिए कैसे तैयार हुआ ईरान
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि वह तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को रोकना चाह रहे ट्रंप प्रशासन के तहत पहली वार्ता के लिए ओमान में अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात करेंगे। अराघची ने अल्जीरिया की यात्रा के दौरान ईरान के सरकारी टेलीविजन पर कहा कि वार्ता अप्रत्यक्ष होगी और इसमें दोनों पक्षों के बीच ओमान के मध्यस्थों के रहने की संभावना है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बातचीत की घोषणा की थी और इन्हें प्रत्यक्ष बातचीत बताया था। जो बाइडन प्रशासन के तहत वर्षों से चल रही अप्रत्यक्ष वार्ता किसी भी तरह की सफलता पाने में विफल रही, क्योंकि तेहरान अब 60 प्रतिशत शुद्धता तक यूरेनियम का संवर्धन कर रहा है। अमेरिका और इजराइल दोनों ने ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर सैन्य हमले की धमकी दी है, वहीं तेहरान के अधिकारी चेतावनी दे रहे हैं कि वे परमाणु बम से हमला कर सकते हैं।
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बमबारी होगी जो पहले कभी नहीं देखी होगी
ट्रंप ने कहा था कि अगर ईरान वार्ता में शामिल नहीं होता है तो अमेरिका उसको परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए कुछ करेगा। डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी कि अगर ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ समझौता नहीं करता है तो उस पर बमबारी की जाएगी और अतिरिक्त टैरिफ़ लगाए जाएंगे। इंटरव्यू में ट्रंप ने ईरान के बारे में कहा था कि यह ऐसी बमबारी होगी जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखी होगी। इसके अलावा इजरायल की सेना भी ईरान पर हमले की पूरी तैयारी कर चुकी है। विध्वंसक हथियारों से ईरान की घेराबंदी की जा रही है।