2020 के बाद भारत और चीन की सीमा पर गजब का विवाद था। वो विवाद आखिरकार अक्टूबर आते आते बातचीत के जरिए से कुछ सुलझता हुआ नजर आया। लेकिन पूरी तरह से सुलझ गया ये कहना मुश्किल है। यही बात ट्रंप भी समझ रहे थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भारत चीन विवाद का अपने प्रेस ब्रीफिंग में जिक्र किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी और इसी दौरान चीन को लेकर प्रश्न पूछा गया। चीन पर जवाब देते देते ट्रंप को भारत और चीन का विवाद भी याद आ गया। इसी बीच भारत चीन विवाद में डोनाल्ड ट्रंप ने फिर एक बार बीच में आकर इसे सुलझाने की पेशकश कर दी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मैं भारत चीन विवाद को बहुत करीब से देख रहा हूं। देख रहा हूं कि चीन किस तरह से क्रूरता पर उतारू है।
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बॉर्डर पर मदद की पेशकश करते हुए ट्रंप ने भारत को पेशकश भी की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि लगता है कि चीन के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे होंगे। कोविड-19 महामारी से पहले तक राष्ट्रपति शी के साथ मेरे संबंध बहुत अच्छे थे। मुझे लगता है कि चीन दुनिया में एक बहुत महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। मुझे लगता है कि वे यूक्रेन और रूस के साथ इस युद्ध को खत्म करने में हमारी मदद कर सकते हैं। मैं भारत को देखता हूं, मैं सीमा पर झड़पों को देखता हूं जो काफी क्रूर हैं। अगर मैं मदद कर सकता हूं, तो मुझे मदद करना अच्छा लगेगा। मुझे उम्मीद है कि चीन, भारत, रूस और अमेरिका, हम सभी साथ मिल कर काम कर सकते हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण है।
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एक तरफ जहां ट्रंप मदद की पेशकश कर रहे थे। वहीं भारत का रूख भारत चीन विवाद में बहुत स्पष्ट था। भारत चीन शुरुआत से ही इस विवाद को द्विपक्षीय मामला मानता आया है और बाचीत के माध्यम से वो चीन के साथ हर विवाद को सुलझा लेगा। इस उम्मीद को भी जाहिर करता आया। भारत ने एक बार फिर इस बात को दोहाराया है। ट्रंप की ओर से मदद की पेशकश पर भारत से सवाल पूछा गया तो भारत की तरफ से कहा गया कि हम इस मामले को खुद सुलझा सकते हैं। भारत ने चीन के साथ सीमा पर होने वाली झड़पों में मध्यस्थता करने वाले राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और कहा कि ऐसे मामलों से निपटने में द्विपक्षीय दृष्टिकोण की अपनी प्रतिबद्धता हम आगे भी बढ़ाते रहेंगे।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भारत के रुख की पुष्टि करते हुए कहा कि देश चीन सहित अपने पड़ोसियों के साथ मुद्दों को हल करने के लिए हमेशा द्विपक्षीय चर्चा में लगा हुआ है और चीन के मामले में यह दृष्टिकोण अपरिवर्तित है। हमने इन मुद्दों से निपटने के लिए हमेशा द्विपक्षीय दृष्टिकोण अपनाया है। यह भारत और चीन के बीच अलग नहीं है। हम उनके साथ द्विपक्षीय स्तर पर किसी भी मुद्दे पर चर्चा करते रहे हैं और हम ऐसा करना जारी रखेंगे।
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