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Saudi Arab पर टूट पड़े भारत के मुसलमान, काली पट्टी बांधकर विरोध, दुनिया हैरान!

सुन्नी इस्लाम के सबसे बड़े प्रतीक सऊदी अरब के खिलाफ भारत शिया मुस्लिमों का गुस्सा भड़क उठा है। लखनऊ में सऊदी के खिलाफ देशभर के शिया मुसलमान विरोध का नारा बुलंद करेंगे। भारत में सऊदी बनाम शिया के पीछे की कहानी क्या है, आपको बता देते हैं। इस सवाल का जवाब सऊदी अरब में 100 साल पहले हुए एक वाक्य से जुड़ा है। सऊदी अरब में इस्लाम को मानने वालों के लिए दो सबसे पाक और मुकद्दस जगह मक्का व मदीना मौजूद है। सऊदी सुन्नी इस्लाम के ज्यादातर फिरकों का मरकस है। फिर वो चाहे हनफ़ी हो या अहल-ए-हदीस, वहाबी हो या शाल्फ़ी, लेकिन शिया पंथ से सुन्नी फिरके की खुन्नस इस्लाम के शुरुआती दौर से है। तो क्या लखनऊ में होने वाले शिया के विरोध प्रदर्शन की वजह यही है।

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दरअसल, 1925 में सऊदी किंग आले सऊद ने मदीना में मौजूद जन्नतुल बकी कब्रिस्तान तुड़वा दिया था। इस कब्रिस्तान में रसूल-ए-इस्लाम की बेटी और दूसरे इमामों की कब्रें हैं। शिया समुदाय सऊदी अरब में तुड़वाए गए मजारों को दोबारा बनाने की मांग करता रहा है और इसके लिए हर साल शिया मुसलमान सऊदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं। शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि सऊदी अरब के मदीना में इस्लाम विरोधी कार्य किया गया। पैगम्बर मोहम्मद साहब की बेटी और चार इमामों की मजार को 100 वर्ष पूर्व सऊदी हुकूमत ने ध्वस्त कर दिया था। जिसको लेकर शिया समुदाय में नाराजगी है। इसके निर्माण के लिए हर साल पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किए जाते हैं। प्रदर्शन के माध्यम से ये मांग की जाती है कि भारत सरकार सऊदी हुकूमत पर दबाव बनाकर जन्नत उल बकी कब्रिस्तान का पुनः निर्माण करवाये।

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मौलाना यासूब ने कहा कि प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे। यूपी समेत विभिन्न रज्यों से शिया धर्म गुरु, विभिन्न धार्मिक संगठन , शायर और अन्य लोग हिस्सा लेंगे। मौलाना ने अपील किया है कि सभी लोग काले वस्त्र पहनकर आए । या फिर दाहिने बाजू पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन में हिस्सा लें।

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