पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन को अपनी गाड़ी में क्या बिठाया कि दोनों एक साथ अमेरिका की संसद तक पहुंच गए। अमेरिका की संसद में पीएम मोदी और पुतिन की धमाकेदार एंट्री हुई है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की इस तस्वीर ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है। तहलका भी ऐसा कि कई देश असहज महसूस कर रहे हैं। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप की हरकतों की वजह से पीएम मोदी और पुतिन की तस्वीर को अमेरिका की संसद में दिखाया गया है। अमेरिका के विपक्षी सांसद पीएम मोदी और पुतिन की इसी तस्वीर को लेकर डोनाल्ड ट्रंप पर टूट पड़े। अमेरिका की संसद में क्या धमाका हुआ है वह आपको इस वीडियो में बताते हैं। दरअसल अमेरिका की पार्लियामेंट में डेमोक्रेटिक सांसद सिडनी कामलेगर ने ट्रंप की विदेश नीति की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि डॉनल्ड ट्रंप की वजह से भारत अब पूरी तरह से रूस की तरफ झुक गया है।
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सिडनी काम लेगर ने पीएम मोदी और पुतिन की तस्वीर दिखाकर अमेरिका की संसद में क्या तहलका मचाया है वो भी बता देते हैं। कामलागर-डोव ने प्रशासन के भारत के प्रति रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ट्रम्प की भारत के प्रति नीति को ‘अपना ही नुकसान करना’ कहा जा सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि व्हाइट हाउस की दबाव बनाने की रणनीति दोनों देशों के बीच दशकों से बने भरोसे को “वास्तविक और स्थायी क्षति” पहुंचा रही है। मोदी-पुतिन की बड़ी सेल्फी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पोस्टर हज़ार शब्दों के बराबर है। पीएम मोदी और पुतिन की इसी तस्वीर को देख ट्रंप ने अपनी खोखली अकड़ को और ऊंचा करते हुए भारत के चावल पर टेरिफ लगाने की धमकी दे दी। लेकिन अब इसी तस्वीर को लेकर अमेरिका के विपक्षी दल डोनाल्ड ट्रंप पर टूट पड़े हैं।
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अमेरिका के रणनीतिक साझेदारों को दुश्मनों की गोद में धकेलकर नोबेल शांति पुरस्कार नहीं जीता जा सकता। सांसद ने इस समय की गंभीरता को समझने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दबाव डालने वाले साझेदार होने की कीमत चुकानी पड़ती है और भारत के साथ संबंधों को सुधारने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस में दोनों पक्षों के सदस्य इस स्थिति की गंभीरता को समझते हैं और उन्हें अत्यंत तत्परता से कदम उठाने चाहिए।
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भारत को निशाना बनाकर 50% टैरिफ लगाना, जो किसी भी देश पर लगाए गए सबसे ऊंचे टैरिफ में से एक है, ने हमारे दोनों देशों के बीच नेतृत्व स्तर की बैठकों को प्रभावी रूप से बाधित कर दिया है। फिर भी, रूसी तेल के आयात पर भारत के नाम से लगाया गया 25% टैरिफ काफी बेमानी लगता है, जब स्टीव विटकॉफ पुतिन के सलाहकारों के साथ गुप्त सौदे कर रहे हैं ताकि कुछ व्यावसायिक निवेश के बदले यूक्रेन को बेच दिया जाए। टैरिफ के अलावा, ट्रंप ने अमेरिका और भारत के बीच लोगों के आपसी संबंधों पर भी हमला किया है। एच-1बी वीजा पर 100,000 डॉलर का शुल्क, जिनमें से 70% भारतीयों के पास हैं।
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