पश्चिमी देशों का नक्शा क्या होना चाहिए, कैसा होना चाहिए? इस बात की चर्चा इन दिनों तेज हो चली है। बेंजामिन नेतन्याहू तेल अवीव से वाशिंगटन के लिए रवाना होते हैं तो कुछ घंटों पहले एयरपोर्ट पर एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि मैं डोनाल्ड ट्रंप से मिलूंगा और ये किसी भी विदेशी मेहमान के साथ ओवल ऑफिस पहुंचने के बाद पहली मुलाकात होगी। इसलिए ये मुलाकात अपने आप में खास हो जाती है। साथ ही जाते जाते नेतन्याहू ने कहा कि नक्शा बदलने पर भी उनसे बात होगी। कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बना देना चाहिए, ग्रीनलैंड को खरीद लेना चाहिए, पनामा कनाल को अमेरिका को सौंप देना चाहिए। इस तरह के बयानों के जरिए नक्शा बदलने की बात तो ट्रंप करते ही रहे हैं।
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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका में लैंड कर चुके हैं। ट्रंप के गाजा प्लान और हमास के साथ में युद्ध विराम के बाद नेतन्याहू कि वाशिंगटन यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है। पीएम नेतन्याहू का वाशिंगटन ब्लेयर हाउस में भव्य स्वागत भी हुआ। पीएम नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण के बाद व्हाइट हाउस में उनसे मिलने वाले वो पहले विदेशी नेता हैं। उन्होंने कहा कि ये इजरायल अमेरिका गठबंधन की मजबूती का प्रमाण भी है। ये हमारी व्यक्तिगत मित्रता के सबूत का भी प्रमाण है। नेतन्याहू का तर्क है कि युद्ध में हमने जो निर्णय लिए हैं उसने पहले ही मध्य पूर्व का चेहरा बदल दिया है। हमारे निर्णय और सैनिकों के साहस ने नक्शे को फिर से परिभाषित किया है। नेतन्याहू ने कहा कि मेरा मानना है कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मिलकर काम करते हुए हम इसे और भी बेहतर बना सकते हैं। हम सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं। ताकत के माध्यम से शांति के एक उल्लेखनीय युग को प्राप्त भी कर सकते हैं।
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इजराइल की ओर से किए गए जमीनी और हवाई हमलों में अब तक 47,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। संघर्ष-विराम समझौते के पहले चरण के तहत हमास को कुल 33 बंधकों को रिहा करना है, जिसके बदले में इजराइल लगभग 2,000 फलस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा। समझौते के तहत इजराइली बल युद्धग्रस्त इलाके के ज्यादातर हिस्सों से पीछे हट गए हैं, जिससे हजारों विस्थापित फलस्तीनियों के लिए उत्तरी गाजा में अपने घरों की ओर लौटना संभव हो पाया है। अगर अमेरिका, कतर और मिस्र इजराइल और हमास के बीच समझौता कराने में नाकाम रहते हैं, तो मार्च की शुरुआत में युद्ध फिर से शुरू हो जाएगा।
नेतन्याहू ने भी कहा है कि इजराइल अब भी हमास पर जीत और सात अक्टूबर 2023 के हमलों के दौरान अगवा किए गए सभी बंधकों की रिहाई के लिए प्रतिबद्ध है। इन हमलों के बाद गाजा पट्टी में इजराइल और हमास के बीच युद्ध छिड़ गया था। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप का इजराइल-हमास युद्ध को लेकर क्या रुख है। वह इजराइल के कट्टर समर्थक रहे हैं, लेकिन उन्होंने पश्चिम एशिया में युद्ध समाप्त करवाने का भरोसा दिलाया है और इजराइल-हमास के बीच संघर्ष-विराम समझौता कराने में मदद का श्रेय भी लिया है।