उत्तर पश्चिम पाकिस्तान के पेशावर शहर की एक मस्जिद में आत्मघाती हमला कर 101 लोगों की जान लेने वाला हमलावर पुलिस की वर्दी पहनकर उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में घुसा था तथा हेलमेट और मास्क पहनकर मोटरसाइकिल से वहां आया था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
खैबर-पख्तुनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक मोअज्जम जाह अंसारी ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा कि पुलिस लाइन्स के मुख्य प्रवेश द्वार पर सुरक्षा जांच चौकी पर तैनात कर्मियों ने पुलिस वर्दी पहने हुए हमलावर की जांच नहीं की और उसे अंदर जाने दिया।
उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि हमलावर खैबर रोड के रास्ते पुलिस लाइन्स क्षेत्र में आया था।
अंसारी के मुताबिक हमलावर ने एक पुलिस अधिकारी से मस्जिद की ओर जाने वाले रास्ते के बारे में भी पश्तो में पूछा था। उन्होंने कहा कि उक्त मोटरसाइकिल के पंजीकरण नंबर का पता लगा लिया गया है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमलावर अकेला नहीं था और एक पूरा नेटवर्क उसकी मदद कर रहा था। उन्होंने कहा कि पुलिस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादी नेटवर्क के करीब है।
इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने इस आत्मघाती विस्फोट के सिलसिले में 17 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
थलसेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने आतंकवादी समूहों के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने का संकल्प व्यक्त किया और सेना के अधिकारियों को आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने का निर्देश दिया।
पेशावर में हुए इस हमले में 97 पुलिसकर्मियों समेत 101 लोग मारे गए हैं। सोमवार को दोपहर की नमाज के दौरान आगे की कतार में मौजूद तालिबान के आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट कर उड़ा लिया था।
सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस लाइन्स इलाके के नजदीकी क्षेत्रों से गिरफ्तारियां की गयी हैं और संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी)ने आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि उनके कथित कमांडर उमर खालिद खुरासानी की पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में हुई मौत का बदला लेने के लिए यह हमला किया गया।
पेशावर में बुधवार को पुलिसकर्मियों ने रैली निकालकर हमले के मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की।
रैली में वक्ताओं ने विस्फोट की जांच के लिए संयुक्त जांच दल गठित करने की मांग की।
उन्होंने इस हमले की साजिश रचने वालों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सभी राजनीतिक ताकतों से आतंकवादियों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है।
आसिफ से जब मंगलवार को संसद परिसर में पत्रकारों ने आतंकवादियों के खिलाफ कोई नया अभियान शुरू करने की संभावना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उच्चस्तरीय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति इस बारे में फैसला करेगी।