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Pope Francis’ funeral: सेंट पीटर्स स्क्वायर में रखा गया पोप का शव, 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के बीच, जारी हैं अंतिम संस्कार की रस्में

ईसाई कैथोलिक धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की रस्में जारी है। उनके शव को सेंट पीटर्स बेसिलिका में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। ताबूत में रखे गए उनके शव को अब सेंटर पीटर्स स्क्वायर में रख दिया गया है। यहां पोप के अंतिम संस्कार से जुड़ी अन्य रस्मों को पूरा किया जा रहा है। पोप के अंतिम संस्कार की प्रार्थना सभा को 91 वर्षीय कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे ने अगुवाई की है।
 
पोप के अंतिम संस्कार में लाखों की संख्या में सेंटर पीटर्स में श्रद्धालु उमड़े है। इसमें 170 देशों के प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे है। पोप के अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों में भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल है। उनके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई, ब्रिटेन के पीएम कीर स्टारमर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी शामिल है।
 
पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया खबर लिखे जाने के दौरान भी चल रही है। अंतिम संस्कार की प्रक्रियाएं खत्म होने के बाद पोप को लकड़ी के बेहद सादे ताबूत में धीरे से रोम के सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका में ले जाया जाएगा। उन्हें इसी जगह पर दफनाया जाएगा। ये सेंट पीटर्स स्क्वायर से लगभ चार किलोमीटर दूर स्थित एक जगह है। बता दें कि वेटिकन के बाहर दफनाए जाने वाले पोप फ्रांसिस बीते 100 वर्षों में पहले पोप होने वाले है।
 
प्रार्थना सभा के बाद हुआ भोज
पोप फ्रांसिस की प्रार्थना सभा के बाद प्रभु भोज का आयोजन किया गया। प्रभु भोज के तौर पर सभी लोगों को ब्रेड का एक टुकड़ा खिलाया गया। इसका सेवन लोगों ने यीशू के शरीर का अंश मानकर किया है। वहीं प्रार्थना सभा के दौरान कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता ने कहा कि पोप फ्रांसिस ने समलैंगिंक, तलाकशुदा कैथोलिक लोगों को कभी चर्च में आने से नहीं रोका। उन्होंने कहा कि चर्च सभी का घर है। उन्होंने कहा कि पोप में ये भावना थी कि चर्च के दरवाजे सभी के लिए हमेशा खुले रहेंगे। पोप ने चर्च को ऐसी जगह बताया जो हर व्यक्ति को अपनाए और उसकी परेशानियों को दूर करे।

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