दक्षिण कोरिया की सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की बढ़ती परमाणु महत्वाकांक्षाओं से गहराए राजनयिक संकट को दूर करने की उम्मीद में उत्तर कोरिया को मानवीय सहायता प्रदान करने के नागरिक प्रयासों को बढ़ावा देगी।
दक्षिण कोरियाई एकीकरण मंत्री क्वॉन यंग्से ने यह नहीं बताया कि वह किस प्रकार की सहायता को विश्वासयोग्य मानते हैं या क्या उन आदान-प्रदानों से सार्थक कूटनीतिक सफलताओं को प्रेरित करने की अपेक्षा करना यथार्थवादी है।
उत्तर कोरिया ने 2019 में अमेरिका के साथ अपनी परमाणु वार्ता के टूटने के बाद से प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया के साथ लगभग सभी सहयोग को निलंबित कर दिया है। अमेरिका के नेतृत्व वाले प्रतिबंधों को जारी रखने और (उत्तर कोरिया के) परमाणु हथियारों और मिसाइल कार्यक्रम को कम करने के कदमों पर असहमति को लेकर यह परमाणु वार्ता टूट गई थी।
किम ने 2022 में 70 से ज्यादा मिसाइल परीक्षण कर तनाव को और बढ़ा दिया था। इन मिसाइलों में संभावित रूप से परमाणु हथियार ले जाने की भी क्षमता है।
इनकी मार करने की क्षमता दक्षिण कोरिया से लेकर अमेरिकी महाद्वीप तक है।
किम ने कहा था कि संकट की स्थिति में उत्तर कोरिया अमेरिका व दक्षिण कोरिया के खिलाफ पूर्व निर्धारित परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा। वहीं इसके उलट दोनों देशों ने उत्तर कोरियाई धमकी के जबाव में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया।
क्वॉन का संवाददाता सम्मेलन शुक्रवार को 2023 के लिए मंत्रालय की नीति योजनाओं पर पत्रकारों को संबोधित करने के लिये था।
लेकिन बातचीत को पुनर्जीवित करने के लिए नए विचारों की कमी ने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे कोरियाई प्रायद्वीप पर बढ़ते तनाव ने उत्तर के साथ संबंधों को सुधारने और अंततः शांतिपूर्ण एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक मंत्रालय को दरकिनार कर दिया है।
क्वॉन ने कहा, “दक्षिण-उत्तर के कड़े तनावपूर्ण संबंधों के बीच बातचीत के रास्ते को फिर से खोलने और दक्षिण व उत्तर के बीच विश्वास बहाली के लिए हम उत्तर कोरिया के साथ संपर्क फिर से शुरू करने के नागरिक संगठनों के प्रयासों का समर्थन करेंगे भले ही यह थोड़ा-थोड़ा हो। साथ ही अंतरराष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से संपर्क को व्यापक बनाने का भी प्रयास करेंगे।