थाईलैंड और कंबोडिया के बीच भड़की जंग ने अचानक भयंकर रूप ले लिया है। दोनों देशों की ओर से भीषण हमले शुरू हो गए हैं। गोलीबारी के साथ ही हवाई हमले किए जा रहे हैं और लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं। दरअसल लगभग 8 महीने पहले थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 5 दिनों तक लड़ाई चलीथी जिसमें 50 से ज्यादा मौतें हुई थी और 3 लाख से ज्यादा लोग पलायन कर गए थे। हालांकि अक्टूबर में दोनों देशों के बीच सीज फायर हो गया। ट्रंप ने दावा किया था कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच उन्होंने ही समझौता कराया था। जिसके बाद यह जंग रुकी थी। लेकिन सरपंच ट्रंप का यह समझौता ज्यादा दिन तक नहीं टिका। अब एक बार फिर दोनों देशों के बीच जंग भड़क गई है। दोनों देशों ने झड़पों के बाद बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाते हुए फाइटर जेट समेत कई हथियार तैनात कर दिए हैं।
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थाईलैंड का यह कहना है कि कंबोडियाई सेना ने ड्रोन और BM21 रॉकेटों का इस्तेमाल करके उनके देश पर हमला किया है। रॉयर्स और द गार्जियन की रिपोर्ट भी कहती है कि कंबोडिया ने थाईलैंड पर युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया जो अक्टूबर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से हुआ। थाईलैंड ने नवंबर में समझौते को निलंबित कर दिया था जब एक थाई सैनिक को सीमा पर लगाए गए खदान में चोट लगी। कंबोडिया हालांकि इन आरोपों को खारिज करता रहा है। बीते 48 घंटे से अधिक का वक्त हो गया है।
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अब तक मारने वालों का यह आंकड़ा 14 के पार पहुंच चुका है। कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उसके नौ नागरिक मारे गए हैं। 20 से अधिक लोग घायल हैं। जबकि थाई सेना ने चार सैनिकों से अधिक की मौत और 68 घायलों की पुष्टि की है। बताया यह भी जा रहा है कि थाईलैंड ने सीमा के पास 1.71 लाख लोगों को निकाला है। जबकि कुल 5 लाख से अधिक लोग दोनों देशों में इस वक्त शरणार्थी बन गए हैं।
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अमेरिकी विदेशी विभाग ने दोनों देशों के बीच फिर से शुरू हिंसा पर चिंता जताते हुए तुरंत युद्ध विराम की अपील की है। लेकिन थाईलैंड ने साफ कर दिया है कि अब कूटनीति के लिए कोई जगह नहीं बची है। थाईलैंड का कहना है कि कूटनी तभी काम करती है जब उसके लिए माहौल हो। अभी फिलहाल कोई ऐसा माहौल नहीं है। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से प्रियविहर और तायन थॉम जैसे प्राचीन शिव मंदिरों को लेकर सीमा विवाद है। यह मंदिर दोनों देशों की सीमा के बिल्कुल पास हैं और आसपास की जमीन पर दोनों देश अपना-अपना दावा करते हैं। कंबोडिया के लिए प्रिय विहर मंदिर सांस्कृतिक गौरव का एक प्रतीक है।
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