थाईलैंड ने डब्ल्यूटीओ से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है और इसकी वजह भारत है। दरअसल, डब्ल्यूटीओ में थाईलैंड की राजदूत पिटफील्ड ने एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिए सस्ती दर पर चावल खरीद कर अंतरराष्ट्रीय चावल निर्यात पर कब्जा कर रहा है। थाईलैंड के इस आरोपों पर भारत ने डब्ल्यूटीओ के सामने कड़ी आपत्ति जताई थी। भारत द्वारा अपने खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के लिए खरीदे गए चावल का निर्यात करने का आरोप लगाने वाली उनकी टिप्पणियों पर भारत द्वारा कड़ा विरोध दर्ज कराए जाने के बाद थाईलैंड ने विश्व व्यापार संगठन में अपने राजदूत पिमचानोक वॉनकोर्पोन पिटफील्ड को वापस बुला लिया।
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29 फरवरी को डब्ल्यूटीओ की बैठक के दौरान पिटफील्ड ने परोक्ष रूप से दावा किया कि भारत ने खाद्य सुरक्षा प्रयासों को वैश्विक व्यापार में अनुचित लाभ प्राप्त करने के साधन के रूप में इस्तेमाल किया है। भारतीय प्रतिनिधियों ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया और उन्हें तथ्यात्मक रूप से गलत और अपमानजनक बताया। भारत ने पिटफील्ड की टिप्पणियों पर निराशा व्यक्त करते हुए थाई सरकार के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया। भारतीय वार्ताकारों ने अस्वीकृति के संकेत के रूप में डब्ल्यूटीओ में थाई प्रतिनिधियों के साथ बैठक का बहिष्कार किया।
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भारत के तीव्र विरोध का सामना करते हुए, थाईलैंड ने पिटफील्ड को हटाकर देश के विदेश सचिव को नियुक्त कर दिया। इस विवाद के मूल में भारत और विकसित देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही असहमति है, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से चलने वाले भारत के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों को संदेह की दृष्टि से देखते हैं।