डोनाल्ड ट्रंप के फैसले इस वक्त दुनिया से ज्यादा चीन पर तबाही वाले साबित हो रहे हैं। ट्ंप के फैसले अब लगातार चीन पर और ज्यादा सख्त हो रहे हैं। इस बार चीन पर सबसे बड़ा आर्थिक प्रहार करते हुए चीन को पूरी तरह तोड़ने की सीधी चेतावनी ट्रंप ने दे दी है। ट्रंप ने चीन के सामानों पर 125 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की घोषणा कर दी है। ये अब तक का सबसे बड़ा आयात शुल्क है। चीन पर टैरिफ लगाकर अमेरिका ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। लेकिन इन सबमें सबसे ज्यादा फायदा अगर किसी का हुआ तो वो भारत समेत उन 75 देशों का हुआ जो ट्रंप के साथ बातचीत की कोशिश कर रहे थे।
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वैश्विक बाजार में मंदी की आशंका के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ज्यादातर देशों पर लगाए गए शुल्क (टैरिफ) को अचानक 90 दिनों के लिए स्थगित करने का फैसला किया। ट्रंप के इस कदम से ऐसा प्रतीत होता है कि उनका प्रयास अमेरिका और बाकी देशों के बीच के व्यापारिक टकराव को कम करते हुए केवल चीन पर ध्यान केंद्रित करने की ओर है।
वहीं प्रेसिडेंट शी जिनपिंग को अपने सामने न झुकता देख चीन पर लगा टैरिफ 125 प्रतिशत कर दिया गया, 100 साल में सबसे ज्यादा। ट्रंप के इस फैसले से सबसे बड़ा प्रभाव उस के शेयर मार्केट में देखने को मिला है। जिस तरह से हमारे यहां सेंसेक्स-निफ़्टी चलते हैं उसी तरह से डाओजोन्स अमेरिका के शेयर मार्केट को देखता है और उसी तरह एसएनपी 500 भी होता है। बताया जा रहा है कि जैसे ही ट्रम्प ने रेसिप्रोकल ट्ररीफ पर 90 दिनों के होल्ड का अनाउंस किया एसएनपी 500 एकदम से उछाल मार गया और 6% हाई चला गया।