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हमसे पूछकर ही… क्या है स्वर्ण कलश वाला फॉर्मूला, दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन ने क्यों की अपनी आंखें लाल

चीन ने कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को केंद्रीय सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। यह बात तिब्बती आध्यात्मिक नेता की इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही गई है कि उनकी मृत्यु के बाद उनका उत्तराधिकारी पुनर्जन्म लेगा। चीन की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने नए दलाई लामा को चुनने के लिए 18वीं शताब्दी में किंग राजवंश के सम्राट द्वारा शुरू की गई एक पद्धति का जिक्र करते हुए कहा कि दलाई लामा, पंचेन लामा और अन्य महान बौद्ध हस्तियों के पुनर्जन्म को स्वर्ण कलश से पर्ची निकालकर चुना जाना चाहिए और केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो 23 वर्ष के थे, जब 1959 में वे अपनी जान को खतरा होने के कारण ल्हासा से भाग गए थे, क्योंकि चीनी सैनिकों ने तिब्बत पर नियंत्रण कर लिया था।

दरअसल इतिहास में दलाई लामा चुने जाने के कई तरीके अपनाए गए हैं। एक तरीका है जिसमें नाम एक स्वर्ण कलश से निकाला जाता है। लेकिन वह कलश आज चीन के पास है। तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन से चार दिन पहले कहा कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने इस अनिश्चितता को समाप्त कर दिया कि उनके बाद उनका कोई उत्तराधिकारी होगा या नहीं। गत 21 मई, 2025 को तिब्बती में दिए गए और बुधवार को धर्मशाला में उनके कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान में दलाई लामा ने कहा कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास भावी दलाई लामा को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है। चौदहवें दलाई लामा – तेनजिन ग्यात्सो, जिन्हें ल्हामा थोंडुप भी कहा जाता है, के 90वें जन्मदिन का जश्न 30 जून को धर्मशाला के पास मैकलॉडगंज के मुख्य मंदिर सुगलागखांग में शुरू हुआ। बयान में कहा गया कि मैं पुष्टि करता हूं कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी और मैं दोहराता हूं कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास भावी पुनर्जन्म को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है। इस मामले में किसी और को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। 

दलाई लामा के बयान में कहा गया कि मुझे दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाले तिब्बतियों और तिब्बती बौद्धों से विभिन्न चैनलों के माध्यम से संदेश मिले हैं, जिसमें अनुरोध किया गया है कि दलाई लामा की संस्था को जारी रखा जाना चाहिए। मैं पुष्टि करता हूं कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि भावी पुनर्जन्म को मान्यता देने की जिम्मेदारी गादेन फोडरंग ट्रस्ट, दलाई लामा कार्यालय के सदस्यों पर है, जिन्हें तिब्बती बौद्ध परंपराओं के विभिन्न प्रमुखों और दलाई लामाओं की वंशावली से अभिन्न रूप से जुड़े और शपथ लेने वाले विश्वसनीय धर्म रक्षकों से परामर्श करना चाहिए।  

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