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बॉर्डर पर चीन के लिए है पूरा इंतजाम, जहां हैं राफेल फाइटर जेट तैनात वहां पहुंचे CDS अनिल चौहान

एलएसी पर चीन से निपटने के लिए भारत ने अपनी तैयारियां मजबूत कर रखी है और रणनीतिक रूप से कमजोर सिलीगुड़ी कॉरिडोर में सुरक्षा को लेकर भी देश चौकस नजर आ रहा है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच सप्ताहांत में पूर्वी क्षेत्र में परिचालन तैयारियों की समीक्षा की है। 33 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वीपीएस कौशिक के साथ सीडीएस ने क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास, परिचालन और रसद तैयारियों की प्रगति का आकलन किया। जनरल चौहान ने हासीमारा हवाई ठिकाने का दौरा किया, जहां नए राफेल लड़ाकू विमान तैनात किए गए हैं। हासीमारा एयरफोर्स स्टेशन पर 33 त्रिशक्ति कोर का हेड क्वार्टर भी है। 

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चीन भारत के सामने अपने सैन्य ठिकानों, सीमा के बुनियादी ढांचे और हवाई ठिकानों को लगातार मजबूत कर रहा है और ऐसे में 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर तनाव कम होने के अभी कोई संकेत नहीं है। चीन के सख्त रुख का ताजा संकेत 2 अप्रैल को मिला, जब उसने अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नामों का “मानकीकरण” किया। इस क्षेत्र में भारत के लिए एक बड़ी चिंता यह है कि सिक्किम-भूटान-तिब्बत त्रि-जंक्शन के पास डोकलाम के भूटानी क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अपनी गतिविधियों और बुनियादी ढांचे के विकास को कैसे आगे बढ़ाया है।

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यह सिलीगुड़ी कॉरिडोर या ‘चिकन नेक’ के लिए खतरे को रेखांकित करता है। सिलिगुड़ी कॉरिडोर वो इलाका है जो उत्तर बंगाल में भूमि की संकीर्ण पट्टी जो पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ती है। अप्रैल-मई 2020 में पश्चिमी क्षेत्र में पूर्वी लद्दाख में कई PLA घुसपैठ के बाद चल रहे सैन्य टकराव के बाद सेना और IAF दोनों ने पूर्वी क्षेत्र में “आक्रामक और रक्षात्मक क्षमताओं” को बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। 

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