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Health Tips: बच्चों के लिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल हो सकता है खतरनाक, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

आजकल बच्चों को मामूली सी बीमारी में एंटीबायोटिक खिलाना आम बात हो गई है। हालांकि यह चिंता की बात नहीं है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक इस्तेमाल या फिर बिना सोच-समझकर देना बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। भले ही एंटीबायोटिक दवा बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण हो ठीक करती हैं, लेकिन अगर आप बार-बार या फिर गलत तरीके से इसे देते हैं, तो इसका आपके शरीर पर उल्टा असर हो सकता है। इसलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको 5 ऐसे कारण बताने जा रहे हैं, जिससे आपको यह समझने में आसानी होगी कि बच्चों को एंटीबायोटिक देने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना क्यों जरूरी होता है।

एंटीबायोटिक दवाएं
जब बच्चे को बार-बार एंटीबायोटिक दी जाती है, तो कुछ बैक्टीरिया इन एंटीबायोटिक से लड़ना सीख जाते हैं। इससे यह दवा काम नहीं करती है और मामूली संक्रमण भी खतरनाक बन जाते हैं।

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कम हो जाती है ताकत
अगर हर बार बच्चे को दवा दी जाती है, तो शरीर को बीमारी से खुद लड़ने का मौका नहीं मिल पाता है। इससे भी बच्चे का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है। इससे बार-बार वह बीमार पड़ने लगते हैं।
खराब पाचन
एंटीबायोटिक दवा सिर्फ बुरे बैक्टीरिया ही नहीं बल्कि अच्छे बैक्टीरिया को भी मार देती है। इसमें वह बैक्टीरिया भी होते हैं, जो पेट को सही रखने में मदद करते हैं। इससे पेट दर्द, अपच और गैस की समस्या हो सकती है।
एलर्जी का खतरा
कुछ बच्चों को एंटीबायोटिक देने से खुजली, रैश या फिर सांस लेने में परेशानी जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए बेहतर है कि उनको एंटीबायोटिक न दें और अगर दे रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
वायरल बीमारी
सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे वायरल संक्रमण होने पर एंटीबायोटिक काम नहीं करती है। अगर एंटीबायोटिक दी भी जाती है, तो वह सिर्फ नुकसान करती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप बच्चे को दवा न दें।
पेट दर्द जैसे साइड इफेक्ट्स
दवा के कारण बच्चों को उल्टी, मतली, पेट दर्द या फिर चकत्ते जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। हालांकि कुछ मामलों में यह लक्षण हल्के होते हैं और खुद से ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर यह लक्षण अधिक बढ़ जाते हैं, तो बच्चे को परेशानी होती है। ऐसी स्थिति में फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
बार-बार होने लगते हैं बीमार
जब दवा की आदत हो जाती है, तो फिर शरीर बिना दवा के ठीक नहीं हो पाता है। वहीं बार-बार संक्रमण होता रहता है। वहीं थोड़ी सी बीमारी में भी बच्चा बिना दवा के ठीक नहीं हो पाता है।
पोषक तत्व
खाने से मिलने वाली विटामिन और मिनरल्स सही से शरीर में नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे पेट के अच्छे बैक्टीरिया खत्म होने लगता हैं। इस वजह से बच्चे की ग्रोथ रुक सकती हैं। वहीं पोषक तत्वों की कमी से बच्चे की एनर्जी लेवल, विकास और बढ़त पर असर पड़ सकता है।
कमजोर इम्यून सिस्टम
बता दें कि हर बार दवा देने से बच्चे की इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है। जिसकी वजह से बड़े होकर भी वह बीमारियों के प्रति कमजोर रह जाते हैं।

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