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अबू धाबी ग्रैंड प्रिक्स के समापन के साथ रविवार शाम फ़ॉर्मूला-1 इतिहास में एक नया मोड़ दर्ज हुआ, जब लैंडो नॉरिस ने अपने करियर का पहला वर्ल्ड ड्राइवर्स’ चैम्पियनशिप खिताब जीत लिया हैं। बता दें कि नॉरिस ने यह खिताब अधिक संघर्षपूर्ण परिस्थितियों में हासिल किया, क्योंकि उन्हें आख़िरी रेस में तीसरा स्थान पाकर मैक्स वेरस्टैपेन और अपने ही टीम साथी ऑस्कर पियास्त्री को अंकतालिका में पीछे छोड़ना पड़ा। सीज़न के अंतिम रेस-डे में नॉरिस सिर्फ़ दो अंकों के बेहद मामूली अंतर से चैम्पियन बने, जो किसी भी ड्राइवर की मानसिक दृढ़ता का संकेत है।
रेस खत्म होते ही टीम रेडियो पर नॉरिस की भावनाएँ साफ सुनाई दीं, जहाँ वे काफ़ी देर तक संयत नहीं रह पाए। उन्होंने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “थैंक्यू सो मच आई लव यू मम, आई लव यू डैड।” मौजूद जानकारी के अनुसार, टीम प्रिंसिपल ज़ैक ब्राउन ने भी इसे फ़ॉर्मूला-1 के सबसे रोमांचक अंत में से एक बताया और कहा कि यह जीत सिर्फ़ टीम के लिए नहीं बल्कि खेल के इतिहास में भी एक अलग अध्याय जोड़ती है।
गौरतलब है कि नॉरिस ब्रिटेन के ऐसे पहले ड्राइवर बन गए हैं जिन्होंने 2020 में लुईस हैमिल्टन के बाद विश्व खिताब जीता है। यह उपलब्धि मैकलारेन के लिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि यह टीम के इतिहास में 13वां वर्ल्ड ड्राइवर्स’ टाइटल है। आधी सदी पहले 1974 में एमर्सन फ़िटिपाल्डी ने इसी टीम के लिए पहला खिताब जीता था और उसके बाद से टीम के लिए जेम्स हंट, निकी लौडा, अलैन प्रोस्ट, एर्टन सेना, मिका हक्किनेन और हैमिल्टन जैसे महान नाम चैम्पियनशिप दर्ज करा चुके हैं।
मौजूदा सीज़न मैकलारेन नेतृत्व के लिए भी शानदार रहा, जो टीम प्रिंसिपल एंड्रिया स्टेला और CEO ज़ैक ब्राउन के अधीन बैक–टू–बैक कंस्ट्रक्टर्स’ टाइटल जीतने में सफल रही हैं। बता दें कि यह पहली बार हुआ जब 2010 के बाद अबू धाबी की अंतिम रेस में एक नहीं बल्कि तीन ड्राइवर्स टाइटल की होड़ में शामिल थे, जिससे अंत तक रोमांच बना रहा।
इतिहास, दबाव और लगातार सुधार के बीच इस जीत ने न केवल नॉरिस के रेसिंग करियर को नई ऊंचाई दी है, बल्कि मैकलारेन के दीर्घकालिक प्रोजेक्ट और रणनीति की सफलता भी साबित की है। खेल जगत में इस खिताब को अगली पीढ़ी के नेतृत्व परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है, जहाँ नए चैम्पियंस F1 के भविष्य को नई रफ्तार देने की क्षमता रखते हैं।
नॉरिस की यह उपलब्धि भावनाओं, गति और तकनीकी उत्कृष्टता का संगम मानी जा रही है और यही वजह है कि अबू धाबी की रात, फ़ॉर्मूला-1 के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज की जा चुकी है और आगे भी याद रखी जाएगी हैं।
