भारतीय महिला फुटबॉल टीम मौजूदा समय में एएफसी महिला एशियाई कप 2026 क्वालिफायर्स की तैयारी कर रही है, उनको हाल ही में एक खास मेहमान का साथ मिला। भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के दिग्गज खिलाड़ी सुनील छेत्री, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने के अपने फैसले को वापस लिया, छेत्री ने ब्लू टाइग्रेसेस के हौसले को बढ़ाने के लिे एक जोशीला भाषण दिया।
बता दें कि, बेंगलुरु के पदुकोण-द्रविड़ सेंटर फॉर स्पोर्ट्स एक्सीलेंस में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में छेत्री ने खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने सपनों को हासिल करने के लिए पागलपन के साथ मेहनत करें।
अपने 41 साल के अनुभव को शेयर करते हुए छेत्री ने खिलाड़ियों को समय के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि, कल मैं 18 साल का था और आज में 41 साल का हूं। आपको कोच (क्रिस्पिन छेत्री) और मैं एक समय एक ही टीम में खेलते थे।स मैं ये इसलिए कह रहा हूं ताकि आप समझ सकें कि समय कितनी तेजी से बीतता है। अगर आप वाकई कुछ हासिल करना चाहते हैं तो छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखें। एक रात 10 बजे सोने और 10.45 बजे सोने में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता लेकिन इसे एक साल तक करें, फिर देखें क्या बदलाव आता है। एक दिन समोसा खाने से ज्यादा नुकसान नहीं होता लेकिन एक साल तक इसे छोड़ दें तो आप देखेंगी कि आप कहां पहुंचती हैं।
साथ ही छेत्री ने युवा खिलाड़ियों से अपनी जवानी को बर्बाद न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि, आप अभी युवा हैं बस पागल हो जाइए। सामान्य जिंदगी जीने के लिए तो बहुत वक्त मिलेगा।
वहीं बातचीत के बाद भारतीय महिला फुटबॉल टीम ने छेत्री को एक ऑटोग्राफ किया हुआ जर्सी भेंट किया, जिसे देखकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि, इन सभी सालों में भात के लिए खेलते हुए मुझे कभी भी भारतीय टीम के बाकी खिलाड़ियों के हस्ताक्षर वाली जर्सी नहीं मिली। मैं इसे फ्रेम करवाऊंगा। ये पल न केवल खिलाड़ियों के लिए बल्कि छेत्री के लिए भी यादगार बन गया।
“Yesterday I was 18. Today, I’m 41. Time flies.” 🥺