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BSF जवान पूर्णम शॉ की पत्नी ने पाकिस्तान से पति की सुरक्षित रिहाई के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया, कहा- ‘सभी का दिल से आभार’

पाकिस्तान की हिरासत से बुधवार को रिहा किए गए सीमा सुरक्षा बल के कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ के परिवार के सदस्यों ने उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार और बीएसएफ के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है। शॉ के परिवार के एक सदस्य ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ आज हम बेहद खुश हैं। हम उन्हें सुरक्षित वापस लाने के केंद्र सरकार और बीएसएफ अधिकारियों के प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। पिछले दो सप्ताह हमारे लिए अनिश्चितता से भरे रहे और हम सो नहीं सके। हम उनकी कुशलक्षेम को लेकर चिंतित थे।’’ शॉ के परिजन ने कहा, ‘‘अब हम उनसे बात करने और उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हमारी प्रार्थना आखिरकार कबूल हो गई है।’’ 
23 अप्रैल 2025 से पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में रहे बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ बुधवार को भारत वापस आ गए। पश्चिम बंगाल में उनकी पत्नी रजनी शॉ ने उनकी सुरक्षित रिहाई के लिए पीएम मोदी और केंद्र को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी हैं तो सब कुछ संभव है। 22 अप्रैल को जब पहलगाम हमला हुआ तो उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए 15-20 दिन के अंदर सबके ‘सुहाग’ का बदला ले लिया। 4-5 दिन बाद उन्होंने मेरे ‘सुहाग’ को वापस ला दिया। इसलिए मैं हाथ जोड़कर दिल से आभार व्यक्त करना चाहती हूं।” उन्होंने कहा कि उन्हें सभी का समर्थन प्राप्त है, पूरा देश उनके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा, “इसलिए, आप सभी का हाथ जोड़कर धन्यवाद – आप सभी की बदौलत मेरे पति भारत वापस आ सके।” पूर्णम कुमार शॉ के अन्य परिवार के सदस्यों ने उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार और बीएसएफ अधिकारियों के प्रति अपार राहत और आभार व्यक्त किया।
 

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पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा के रहने वाले कांस्टेबल को पाकिस्तान रेंजर्स ने सुबह 10:30 बजे पंजाब में अटारी-वाघा सीमा के रास्ते बीएसएफ को सौंप दिया। शॉ को पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद 23 अप्रैल को फिरोजपुर जिले में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से रेंजर्स ने पकड़ा था। 
शॉ के एक पारिवारिक सदस्य ने संवाददाताओं से कहा, “आज हम बहुत खुश हैं। हम केंद्र सरकार और बीएसएफ अधिकारियों को उन्हें सुरक्षित वापस लाने के उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं। पिछले दो सप्ताह हमारे लिए रातों की नींद हराम करने वाले और अनिश्चितता से भरे रहे हैं। हम लगातार उनकी सेहत को लेकर चिंतित थे।” उन्होंने कहा, “अब हम उनसे बात करने और उन्हें व्यक्तिगत रूप से देखने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हमारी प्रार्थना आखिरकार कबूल हो गई।” 
 

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बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि स्थापित प्रोटोकॉल के तहत शांतिपूर्ण तरीके से यह प्रक्रिया हुई। शॉ को पाकिस्तान रेंजर्स ने पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद 23 अप्रैल को फिरोजपुर जिले में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से पकड़ा था। बीएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स ने शॉ को बुधवार को सुबह 10.30 बजे पंजाब में अटारी-वाघा सीमा पर भारत के सुपुर्द कर दिया।

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