तेलंगाना के नामपल्ली में सीबीआई की एक अदालत ने मंगलवार को कर्नाटक के पूर्व मंत्री गली जनार्दन रेड्डी और तीन अन्य को लंबे समय से चल रहे ओबुलापुरम अवैध खनन मामले में दोषी ठहराया। यह फैसला रेड्डी के स्वामित्व वाली ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी (ओएमसी) से जुड़े बड़े पैमाने पर खनन घोटाले की जांच शुरू होने के कई साल बाद आया है। इस मामले में पांच लोगों को दोषी ठहराया गया था, जबकि दो अन्य को बरी कर दिया गया था। मुकदमे के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई। रेड्डी के साथ-साथ ओएमसी के एमडी श्रीनिवास रेड्डी, राजगोपाल रेड्डी और महफूज अली खान को सात साल की जेल और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। संबंधित कंपनी पर भी एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
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गली जनार्दन रेड्डी के वकील, जीतेंद्र रेड्डी ने सजा की पुष्टि की और कहा कि सभी दोषी पक्ष कल ही उच्च न्यायालय में फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रहे हैं। उच्च न्यायालय ने पहले आईएएस अधिकारी वाई श्रीलक्ष्मी के खिलाफ मामला खारिज कर दिया था, जिनका नाम भी इस मामले में था। इस बीच, कृपानंद और तेलंगाना की मंत्री सबिता इंद्र रेड्डी, जिन्होंने 2004 से 2009 के बीच आंध्र प्रदेश की खान मंत्री के रूप में काम किया था, को मामले में क्लीन चिट दे दी गई।
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ओएमसी मामले में कर्नाटक के बेल्लारी क्षेत्र और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में अवैध लौह अयस्क खनन और निर्यात के आरोप शामिल थे। जांच से पता चला कि ओएमसी ने कैप्टिव माइनिंग की आड़ में खनन पट्टे प्राप्त किए थे, लेकिन अनधिकृत खनन गतिविधियों में शामिल थी।