केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए विझिनजाम बंदरगाह के चालू होने के बाद दोनों के बीच हुई बातचीत को याद किया। अपने दूसरे कार्यकाल की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर पलक्कड़ में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने केंद्र-राज्य सहयोग पर मोदी की टिप्पणी के लिए उनका धन्यवाद किया तो प्रधानमंत्री जोर से हंस पड़े। पिनराई विजयन ने कहा कि उस उद्घाटन भाषण में माननीय प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य को विकास के लिए मिलकर काम करना चाहिए। जब मैं उन्हें विदा करने के लिए हवाई अड्डे गया, तो मैंने उनके आने और उनके अंतिम कुछ शब्दों के लिए उनका धन्यवाद किया। मैंने कहा कि केंद्र और राज्य को विकास के लिए मिलकर काम करना चाहिए, यह कहने के लिए उनका विशेष धन्यवाद।
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पिनाराई विजयन ने कहा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वह बस जोर से हंस पड़े। हम सभी उस हंसी का मतलब जानते हैं। उनका इशारा था कि केंद्र सरकार सहयोग की उस भावना पर खरी नहीं उतरी है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर केरल को मिलने वाली उचित सहायता रोककर उसे आर्थिक रूप से परेशान करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन बाधाओं के बावजूद राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। यह पहली बार नहीं है जब केरल के मुख्यमंत्री ने वित्तीय भेदभाव के लिए केंद्र की आलोचना की है। मार्च में उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्य की प्रगति को जानबूझकर बाधित करने का आरोप लगाया था।
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विजयन ने कोल्लम में सीपीआई(एम) राज्य सम्मेलन के समापन समारोह में कहा, “केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह केरल को एक राज्य के तौर पर सहायता प्रदान करे, लेकिन इसके बजाय वह इस मानसिकता के साथ काम कर रही है कि केरल को एक इंच भी प्रगति नहीं करनी चाहिए। इन उपायों से राज्य का दम घुट रहा है। वे हमें आर्थिक रूप से निचोड़ रहे हैं। पिछले वर्ष अप्रैल में सर्वोच्च न्यायालय ने केरल को अंतरिम राहत देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि राज्य की वित्तीय कठिनाइयां उसके स्वयं के धन कुप्रबंधन का परिणाम हैं।