Breaking News

गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, वित्त मंत्री कनुभाई देसाई तथा वरिष्ठ सचिवों के साथ आयोग की बैठक संपन्न

गांधीनगर। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 21 अक्टूबर सोमवार को गांधीनगर में 16वें वित्त आयोग के साथ आयोजित बैठक में स्पष्ट मत व्यक्त किया कि गुजरात जैसे जो राज्य राजकोषीय विवेक (फिस्कल प्रुडेंट) का अनुशासित ढंग से पालन करते हैं, उन्हें इसके लिए आयोग द्वारा रिवॉर्ड्स मिलने चाहिए। इसके परिणामस्वरूप ऐसे राज्यों के दायित्वपूर्ण वित्तीय प्रबंधन एवं अनुशासित व्यय को पहचान मिलेगी। इतना ही नहीं; अन्य राज्य भी इसके लिए प्रेरित होंगे।
उल्लेखनीय है कि 16वाँ वित्त आयोग आगामी 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली पाँच वर्ष की समयावधि को समाविष्ट करने वाली रिपोर्ट 31 अक्टूबर, 2025 को उपलब्ध कराने वाला है। आयोग इस संदर्भ में रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले राज्यों का दौरा कर उनके साथ विस्तार से चर्चा कर रहा है। इसी क्रम में आयोग गुजरात की यात्रा पर आया है।
आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया तथा 4 सदस्यों ने गुजरात यात्रा के दौरान सोमवार को गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल तथा वित्त मंत्री कनुभाई देसाई, मुख्य सचिव राज कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान मुख्य सलाहकार डॉ. हसमुख अढिया एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ सचिवों के साथ बैठक की।

इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री के नेतृत्व में महात्मा गांधी का ‘स्वच्छ भारत’ का सपना साकार हो रहा है: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए ‘विकसित भारत@2047’ के विजन को साकार करने में गुजरात की सज्जता की प्रभावशाली भूमिका प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री पटेल ने इसके लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को हासिल करने हेतु केन्द्र सरकार से उचित संसाधन एवं सहयोग की अपेक्षा व्यक्त की।
उन्होंने आयोग के समक्ष सुझाव प्रस्तुत किया कि वित्त आयोग को इस उद्देश्य के लिए राज्य के एफिशिएंसी तथा आउटकम दर्शाने वाले परफॉर्मेंस इंडीकेटर पर अधिक ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू के प्रति भी वित्त आयोग का ध्यानाकर्षित करते हुए कहा कि गुजरात में जो विशिष्ट स्थिति है, आयोग को वित्तीय आवंटन में उसे भी ध्यान में लेने की आवश्यकता है।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि गुजरात में एक ओर शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, तो दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में बसे आदिजाति समुदायों की भी अपनी भिन्न-भिन्न आवश्यकताएँ हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वित्त आयोग के उचित सहयोग एवं समर्थन से ही गुजरात ऐसी आवश्यकताओं पर ध्यान देकर देश के विकास में प्रभावी योगदान दे सकेगा।
मुख्यमंत्री पटेल ने बलपूर्वक मांग की कि वित्त आयोग द्वारा गुजरात को मिलने वाले लाभ इन वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए मिलें तथा आयोग राज्य की महत्वाकांक्षाओं व आवश्यकताओं के साथ तालमेल साध कर राज्य की वास्तविकताओं को पूरा करे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने पिछले दो दशकों में असाधारण विकास किया है। वर्ष 2001 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.4 प्रतिशत से अधिक योगदान देने वाला गुजरात आज नरेन्द्र मोदी के दिशादर्शन में 8.5 प्रतिशत से अधिक योगदान देता है। उन्होंने राष्ट्र एवं राज्यों के विकास में वित्त आयोग के बहुमूल्य योगदान की सराहना की। उन्होंने सहकारिता संघवाद (को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म) को सुदृढ़ करने में वित्त आयोग की भूमिका को आधारशिला समान बताया। 
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वित्त आयोग के समक्ष अपनी अनुशंसाओं में अनुग्रह किया कि वह गुजरात के साथ ही अच्छी प्रगति कर रहे राज्यों को वित्तीय रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए सहयोग एवं मार्गदर्शन देता रहे। 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने गुजरात की आर्थिक प्रगति की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले दस वर्ष में जब समग्र देश की रीयल जीडीपी ग्रोथ रेट एवरेज 6 प्रतिशत के लगभग रही है, उसके सापेक्ष गुजरात की रीयल जीडीपी ग्रोथ रेट एवरेज 8.5 प्रतिशत है।
डॉ. पनगढ़िया ने गुजरात की मैन्युफैक्चरिंग स्टेट के रूप में विकास की स्ट्रैटेजी को उचित बताते हुए जोड़ा कि गुजरात भारत का प्रथम दक्षिण कोरिया तथा ताईवान बनने के लिए तैयार हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास की जो नींव रखी गई है, वह आज सुदृढ़ विकास की इमारत बन गई है। उन्होंने विशेष रूप से कोविड के कठिन काल में भी गुजरात द्वारा अपनी विकास यात्रा निरंतरतापूर्ण ढंग से बनाए रखे जाने की सराहना की।
उन्होंने गुजरात सरकार द्वारा किए गए प्रेजेंटेशन में सूरत इकोनॉमिक रीजन मॉडल तथा डिस्कॉम की भी प्रशंसा कर इसे अन्यों के लिए पथदर्शक बताया। राज्य के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा कि वित्त आयोग को नेशनल गोल्स यानी रिन्यूएबल एनर्जी, क्लाइमेट चेंज, सस्टेनेबिलिटी जैसे एरिया में परफॉर्मेंस के आधार पर राज्यों को रिकॉग्नाइज करना चाहिए। बैठक में वित्त विभाग के प्रधान सचिव टी. नटराजन ने 16वें वित्त आयोग के समक्ष गुजरात सरकार की ओर से विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। आयोग के सदस्यों ने राज्य सरकार के प्रेजेंटेशन पर अपने अभिप्राय व्यक्त किए।
इस बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार एस. एस. राठौड़ सहित विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव एवं सचिव सहभागी हुए।

13 total views , 1 views today

Back
Messenger