आंध्र प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री बुग्गना राजेंद्रनाथ ने राज्य में बिगड़ते वित्तीय संकट के लिए तेलुगु देशम पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की आलोचना की। उन्होंने सबूत के तौर पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के 2024-25 के अनंतिम खातों का हवाला दिया। बुग्गना ने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर राज्य को बढ़ते कर्ज और ठहराव के चक्र में धकेलने का आरोप लगाया, जिसमें बड़े पैमाने पर उधारी के बावजूद विकास के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं की कमी के बावजूद 2024-25 में राजस्व व्यय 2,25,889 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, इसे व्यय की फिजूलखर्ची बताया।
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उन्होंने कहा कि इस बीच, पूंजीगत व्यय में पिछले वर्ष की तुलना में 4,153 करोड़ रुपये की गिरावट आई है, जो सरकार के इस दावे का खंडन करता है कि उधार का उपयोग टिकाऊ सार्वजनिक संपत्ति बनाने के लिए किया जा रहा है। राजेंद्रनाथ के अनुसार, सीएजी रिपोर्ट में राजस्व प्राप्तियों में गिरावट दिखाई गई है, जो 2023-24 में 1,73,767 करोड़ रुपये से घटकर 2024-25 में 1,68,443 करोड़ रुपये रह गई है, और राज्य के अपने राजस्व में सुस्त वृद्धि की ओर इशारा किया है, जो केवल 3.08 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा कि गैर-कर राजस्व में भी 640 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। वाईएसआरसीपी के 2019 से 2024 के कार्यकाल से इसकी तुलना करते हुए बुग्गना ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद राज्य का अपना कर राजस्व 10.04 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक दर से बढ़ा है।
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उन्होंने कहा कि अगर यह वृद्धि जारी रहती तो 2024-25 का आंकड़ा 1,02,727 करोड़ रुपये तक पहुंच जाता, जिसका मतलब है कि टीडीपी सरकार की अदूरदर्शी नीतियों के कारण 6,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने केंद्रीय अनुदान में गिरावट की ओर भी इशारा किया, जो वित्त वर्ष 25 में 14,500 करोड़ रुपये से अधिक घट गया। उन्होंने कहा इससे टीडीपी का यह आरोप गलत साबित होता है कि वाईएसआरसीपी ने केंद्रीय योजनाओं का उचित उपयोग नहीं किया।