दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को कथित तौर पर हज़ारों करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपी व्यवसायी अरविंद धाम की ज़मानत याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आरोपी के वकील की दलीलें सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी। अदालत द्वारा विस्तृत आदेश अभी अपलोड किया जाना बाकी है। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने धाम को अंतरिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया था। वह जुलाई 2024 से हिरासत में है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि अपराध से अर्जित कई हज़ार करोड़ रुपये हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने दलील दी थी कि धाम को अंतरिम ज़मानत दी जानी चाहिए। वह जुलाई 2024 से हिरासत में है। उसे पहले भी कई बीमारियाँ हो चुकी हैं। विशेष वकील ज़ोहेब हुसैन ने आरोपी की ओर से दी गई दलीलों का विरोध किया था। विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) मनीष जैन, स्नेहल शारदा के साथ ईडी की ओर से पेश हुए थे। धाम को जुलाई 2024 में ईडी ने कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। इससे पहले, सीबीआई ने एमटेक समूह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उस पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है।
20 जून, 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कई सूचीबद्ध कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में एमटेक समूह के खिलाफ दिल्ली, एनसीआर और महाराष्ट्र में 35 स्थानों पर तलाशी ली, जिन्हें अंततः एनसीएलटी की कार्यवाही में मामूली कीमत पर अधिग्रहित कर लिया गया था, जिससे बैंकों के संघ को मामूली वसूली के साथ छोड़ दिया गया। अरविंद धाम, गौतम मल्होत्रा और अन्य के नेतृत्व वाले एमटेक समूह पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई और नागपुर में छापे मारे गए।