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जानिए कौन हैं, नई एनडीए सरकार में कोयला और खान मंत्री G Kishan Reddy

नई मोदी कैबिनेट में तेलंगाना की सिकंदराबाद लोकसभा सीट से संसद भवन पहुँचे जी किशन रेड्डी को कोयला और खान मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। रेड्डी ने कार्यभार संभालने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए, केंद्रीय कोयला और खान मंत्री के रूप में उन्हें यह दायित्व सौंपने और भारत के लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोयला और खान मंत्रालय दोनों ही कोयला और खनन क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में दृढ़ संकल्प, निष्ठा, समर्पण, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करेंगे।
जी किशन रेड्डी का पूरा नाम गंगापुरम किशन रेड्डी है। उनका जन्म 15 जून 1964 को तेलंगाना के मेंडक जिले के तिम्मापुर गांव में हुआ था। रेड्डी के पिता का नाम गोपाल रेड्डी और माता का नाम लक्ष्मीबाई है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूलों में पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए हैदराबाद चले गए। जहां उन्होंने एनजी कॉलेज नलकोंडा से स्नातक की गई प्राप्त की। वो सांसद बनने से पहले तीन बार विधायक रहे हैं। इसके अलावा तेलंगाना और आंध्र प्रदेश विधानसभा में बीजेपी की ओर से फ्लोर लीडर की जिम्मेदारी संभाली है। रेड्डी बताते हैं कि वो पॉलिटिक्स में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ चलाए गए आंदोलन से प्रेरित होकर आए हैं। 
रेड्डी आपातकाल को लेकर भी कांग्रेस से नाराज थे। इस कारण वो जनता पार्टी से जुडे़। रेड्डी अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत के दौरान 1970 में आरएसएस के साथ जुड़ गए थे। इसके बाद में भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े और पार्टी की युवा शाखा, भारतीय जनता युवा मोर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया। 1980 के दशक में उन्होंने भाजपा के संगठन को मजबूत करने के लिए विभिन्न भूमिकाओं के रूप में कार्य किया।
किशन रेड्डी ने 2004 में पहले विधानसभा चुनाव लड़ा और हैदराबाद के हिमायत नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए। जहां से वे 2014 तक तीन बार विधायक रहे और विधानसभा के विकास कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में भाजपा ने राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत किया और उन्हें पार्टी के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक माना गया। 2019 के आम चुनाव में किशन रेड्डी ने सिकंदराबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वे मोदी सरकार में गृह मंत्रालय के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाए गए। 2021 में उन्हें केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री का पदभार भी सौंपा गया।

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