जम्मू के कई इलाकों के साथ-साथ राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों में गुरुवार को ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए, जो भारत द्वारा पाकिस्तानी आतंकी शिविरों पर हमले किए जाने के ठीक एक दिन बाद एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है। भारत ने हमलों का सफलतापूर्वक बचाव करते हुए एक पाकिस्तानी F-16 लड़ाकू विमान और संभवतः एक JF-17 को मार गिराया, साथ ही अन्य प्रोजेक्टाइल को भी रोका, जबकि एक ड्रोन ने जम्मू सिविल एयरपोर्ट पर हमला किया। इसके अतिरिक्त, ड्रोन को रोका गया, और पठानकोट और जैसलमेर में विस्फोटों की सूचना मिली।
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विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है, क्योंकि उसने पहलगाम आतंकवादी हमले से स्थिति को बिगाड़ा और भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिये केवल इसका जवाब दिया।
विदेश सचिव ने पाकिस्तान को इसके कब्जे वाले कश्मीर में नीलम-झेलम जलविद्युत परियोजना पर हमले के मनगढ़ंत आरोपों की आड़ में भारतीय बुनियादी ढांचे को इसी तरह से निशाना बनाने के खिलाफ भी आगाह किया और कहा कि इस्लामाबाद इसके ‘‘परिणामों’’ के लिए जिम्मेदार होगा।
मिसरी ने यह टिप्पणी संवाददाता सम्मेलन में की, जिसके कुछ घंटे पहले रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि सशस्त्र बलों ने बुधवार रात मिसाइल और ड्रोन का उपयोग करके देश के उत्तरी और पश्चिमी भागों में 15 शहरों में सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के पाकिस्तानी सेना के प्रयासों को विफल कर दिया।
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान की किसी भी सैन्य कार्रवाई का दृढ़ता से जवाब दिया जाएगा।
मिसरी ने कहा, ‘‘सबसे पहले पाकिस्तान ने 22 अप्रैल (पहलगाम हमला) को तनाव बढ़ाया। हम केवल उस तनाव का जवाब दे रहे हैं। यदि पाकिस्तान द्वारा आगे भी तनाव बढ़ाने का प्रयास किया जाता है, तो उचित तरीके से इसका जवाब दिया जाएगा। अब जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है।’’
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के साथ ही सीमा के उस पार (पाकिस्तान) से स्थिति को बिगाड़ने के प्रयास शुरू हो गये थे।
मिसरी ने कहा, “हमारा रुख स्थिति को बिगाड़ने का नहीं रहा है। हमने केवल 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले का जवाब दिया।”
तनाव में कमी लाने के बारे में विदेश सचिव ने कहा, “पाकिस्तान ने स्थिति को बिगाड़ा, हमने केवल जवाब दिया। (तनाव कम करने की) जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है।”
संवाददाता सम्मेलन में विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी भी मिसरी के साथ थीं।
मिसरी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान के दुष्प्रचार अभियान की भी आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसा देश है, जिसके गठन के साथ ही झूठ की शुरुआत हो गई थी। जब 1947 में पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर पर हमला किया, तो उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से झूठ बोला कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है, जो लोग अंदर गए थे, वे आदिवासी थे।’’
मिसरी ने कहा, ‘‘जब हमारी सेना और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी वहां पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि पाकिस्तानी सेना ने (क्षेत्र में) घुसपैठ की थी। फिर, उन्हें स्वीकार करना पड़ा कि उनके सैनिक वहां थे। यह यात्रा 75 साल पहले शुरू हुई थी, मुझे आश्चर्य नहीं है कि इस तरह का दुष्प्रचार किया जा रहा है।’’
विदेश सचिव ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद दुनिया भर के देश भारत के समर्थन में आए और इन हमलों का जवाब देने के लिए नयी दिल्ली के ‘‘आत्मरक्षा के अधिकार’’ का समर्थन किया।
मिसरी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में पाकिस्तान की संलिप्तता के कई उदाहरण हैं, जहां ठोस सबूत उपलब्ध हैं, न केवल भारत के लिए, बल्कि दुनिया भर की सरकारों और अधिकारियों और एजेंसियों के लिए भी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर में कई आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें पाकिस्तानी का हाथ पाया गया है। मुझे इस बात पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है कि ओसामा बिन लादेन कहां पाया गया था और किसने उसे शहीद कहा था।’’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दशकों से भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता आ रहा है।
मिसरी ने बुधवार को हुए हमले में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह ‘राजकीय सम्मान’ के साथ किया गया अंतिम संस्कार था।
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार देना पाकिस्तान में एक प्रथा हो सकती है। ये हमारी समझ से परे है।’’
मिसरी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) की भूमिका का जिक्र करने का विरोध किया, जबकि टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी पहले ही ले ली थी।
मिसरी ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी गोलीबारी का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई से नागरिक प्रभावित हो रहे हैं।
मिसरी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में कहा कि भारत की बुधवार की कार्रवाई नपी-तुली थी और यह आतंकवादी बुनियादी ढांचे तक ही सीमित थी।
पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए। भारतीय बलों ने जिन ठिकानों को निशाना बनाया, उनमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का गढ़ कहलाने वाला बहावलपुर भी शामिल है।
रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तानी सेना ने बुधवार रात अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन इन प्रयासों को विफल कर दिया गया और लाहौर में एक पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया गया।
मिसरी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान सिंधु जल संधि के मुद्दे पर वर्षों से जानबूझकर अड़चनें पैदा कर रहा था।