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भारतीय 26/11 के लायक थे…तहव्वुर राणा ने हेडली से कहा था- हमलावरों को मिलना चाहिए निशान-ए-हैदर

तहव्वुर राणा ने साथी जिहादी डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाउद गिलानी से कहा कि भारतीय इसके हकदार थे।  मुंबई हमले के बाद तहव्वुर ने हेडली से कहा था कि भारतीयों का यही हश्र होना चाहिए। उसने हमले में मारे गए नौ लश्कर आतंकियों को पाक का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ‘निशान-ए-हैदर’ देने को कहा था। तहव्वुर को आतंकी साजिश रचने के लिए अमेरिका में 14 साल की जेल हुई थी। आश्चर्य की बात नहीं है कि 166 निर्दोष नागरिकों के नरसंहार का जश्न मनाने वाली टिप्पणी का उल्लेख अमेरिकी न्याय विभाग के बयान में मिला, जिसमें भारत को उसके प्रत्यर्पण की व्याख्या की गई थी। न्याय विभाग ने लॉस एंजिल्स में अमेरिकी मार्शलों द्वारा राणा को एनआईए को सौंपे जाने की तस्वीरें भी जारी कीं। तस्वीरों में राणा को जेल के भूरे रंग के कपड़े पहने हुए दिखाया गया है, जिसकी कमर और पैरों में जंजीरें बंधी हुई हैं।

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एनआईए के सवाल
तहव्वुर 13 से 21 नवंबर, 2008 के बीच पत्नी के साथ भारत में किन शहरों में गया और इस दौरान किससे-किससे मिला? 
आईएसआई के टारगेट पर क्या मुंबई ही थी या अन्य शहर भी ? 
26/11 हमले के वक्त राणा कहां था? हमले की सूचना कैसे मिली ? 
हेडली से क्या रिश्ता है, हेडली का फर्जी वीसा क्यों बनवाया? 
हेडली ने भारत यात्रा के दौरान क्या-क्या जानकारियां दीं?
क्या टारगेट चुनने और रेकी में लश्कर की या हेडली की मदद की? 
राणा क्या हेडली के अलावा लश्कर और आईएसआई के अन्य एजेंटों के संपर्क में भी था ? 
लश्कर चीफ हाफिज सईद से कब, कैसे और कहां मिला ? भारत में लश्कर के मददगार कौन थे? 
लश्कर को हथियार कौन देता है? 
पाक सेना के मेजर इकबाल, समीउद्दीन के अलावा आईएसआई से कौन अफसर हमले के पीछे थे?

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