शिवाजी की प्रतिमा ढहने के मुद्दे ने महायुति सरकार की किरकिरी करा ही रखी है। जिसके लिए पीएम मोदी को सिर झुका कर माफी मांगने की नौबत तक आ गई। वहीं अब महाराष्ट्र की राजनीति में विधानसभा चुनाव से पहले सेंधमारी की कोशिशें परवान चढ़ती नजर आ रही है। देवेंद्र फडणवीस के खास बताए जाने वाले एक नेता की एमवीए के बड़े नेता संग मीटिंग की खबर सामने आई है। बीजेपी के युवा नेता और देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाने वाले विवेक कोल्हे ने हाल ही में शरद पवार से मीटिंग की है। एक इवेंट के दौरान दोनों मिले थे। इसके बाद दोनों साथ ही साथ वहां से बाहर निकले। ऐसे में चर्चा तेज हो चली है कि क्या विवेक कोल्हे कोई नया ऑप्शन तलाश रहे हैं। लेकिन ऐसी नौबत आखिर क्यों आ गई?
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दरअसल, कोपरगांव विधानसभा की सीट से वो चुनाव लड़ना चाह रहे थे। देवेंद्र फडणवीस के करीबी हैं तो वो पूरी कोशिश में हैं कि उन्हें यहां से टिकट मिले। लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि वहां से अजित पवार की एनसीपी के आशुतोष काल्हे को टिकट मिल सकती है। कोपरगांव से कोल्हे परिवार और काल्हे परिवार दोनों की पैठ वहां रखते हैं। इसलिए माना जा रहा है कि आशुतोष को वहां से टिकट मिल सकता है। अजित पवार खुद वहां का दौरा भी कर चुके हैं। काल्हे पवार को लेकर गए थे और वहां के हालात के बारे में अवगत कराया था। जिसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि विधानसभा चुनाव में आशुतोष को टिकट मिल सकता है।
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इन सब के बीच विवेक कोल्हे को लग रहा है कि इस सीट पर उन पर दांव न लगाया जाए। इसलिए वो शरद पवार के साथ नजर आ रहे हैं। विवेक कोल्हे सरकारी चीनी मिल के अध्यक्ष रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उन पर रेड भी पड़ी थी। उसके बाद वो विधानसभा चुनाव में मौका चाह रहे हैं। ऐसे में काल्हे को इस सीट से महायुति की तरफ से उतारा जाता है तो क्या अभी से विवेक कोल्हे ने ऑप्शन तलाशना शुरू कर दिया है?