ऑपरेशन सिंदूर से खुद को पहुँचे नुकसान का आकलन कर रहे पाकिस्तान का दिल बैठा जा रहा है क्योंकि जैसे-जैसे वह अपनी सेना और वायुसेना के अड्डों पर तबाही का मंजर देख रहा है तो उसे समझ नहीं आ रहा है कि फिर से तनावपूर्ण हालात बने तो उसका क्या होगा? हम आपको बता दें कि वैसे तो पाकिस्तान ने कहा है कि भारत के साथ हाल में हुए सैन्य संघर्ष में उसके एक स्क्वाड्रन लीडर समेत 11 सैन्यकर्मी मारे गए और 78 अन्य घायल हो गए लेकिन अब जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक पाकिस्तान को इतना ज्यादा नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई में कई साल लग जायेंगे।
हम आपको बता दें कि भारत द्वारा पाकिस्तान के दर्जन भर से अधिक सैन्य ठिकानों पर किये गये सटीक हवाई हमलों में पाकिस्तान वायु सेना (PAF) के बुनियादी ढांचे का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा नष्ट हो गया है और PAF के कई लड़ाकू विमान भी तबाह हो गए हैं। हम आपको याद दिला दें कि भारत ने सर्जोधा और भोलारी जैसे प्रमुख गोला-बारूद डिपो और एयरबेस को निशाना बनाया था जहां PAF के F-16 और J-17 लड़ाकू विमान तैनात थे। तीन दिनों तक चले संघर्ष के दौरान भारत ने पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया था जिसमें नवीनतम तकनीक से लैस उसके कई लड़ाकू विमानों को मार गिराना शामिल है। भारतीय सेना ने कहा था कि साथ ही उसने राजधानी इस्लामाबाद के करीब प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों को भी नुकसान पहुंचाया। यही नहीं, मीडिया की खबरों में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना के हमले के बाद पाकिस्तान के रहीम यार खान एयरबेस पर बड़ा गड्ढा हो गया है।
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रिपोर्टों के मुताबिक सिंध के जमशोरो जिले में स्थित भोलारी एयरबेस पर हुए हमले में स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ और चार वायुसैनिकों सहित 50 से अधिक लोग मारे गए। साथ ही इस हमले में कई PAF लड़ाकू विमान नष्ट हो गए हैं। रिपोर्टों के मुताबिक “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत भारत ने पाकिस्तान के नूर खान (चकलाला), रफीकी (शोरकोट), मुरिद (चकवाल), सुक्कुर, सियालकोट, पस्रूर, चूनियां, सर्जोधा, स्कर्दू, भोलारी और जैकबाबाद के सैन्य ठिकानों और एयरबेस को निशाना बनाया था। जैकबाबाद में शाहबाज एयरबेस पर हमले से पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरों ने वहां हुई भारी तबाही को दर्शाया है। रिपोर्टों के मुताबिक यह भी सामने आया है कि नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारतीय बलों की जवाबी कार्रवाई में कई आतंकवादी बंकर और पाकिस्तानी सेना की चौकियां नष्ट कर दी गई हैं। कई स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भी यह बात स्वीकार की है कि भारत ने पाकिस्तानी वायुसेना को बड़ा नुकसान पहुँचाया है।
हम आपको यह भी बता दें कि भारतीय सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने जब कई देशों के रक्षा अताशे या उनके प्रतिनिधियों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सफल संचालन के बारे में जानकारी दी तो पाकिस्तान को हुए नुकसान को देखकर सभी आश्चर्यचकित थे। सूत्रों ने बताया कि कई प्रमुख देशों के साथ इस्लामी देशों के रक्षा अताशे भी इस ‘ब्रीफिंग’ में शामिल हुए। बैठक में मेक्सिको, पेरू, ऑस्ट्रेलिया तथा अन्य देशों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक, ब्रीफिंग में रूस, स्वीडन, नेपाल, फिलीपीन, मिस्र तथा अन्य देशों के रक्षा अताशे (दूतावास का वह अधिकारी, जिसे विशेष दायित्व सौंपा जाता है) भी शामिल हुए। एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा ने 70 देशों के अताशे को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सफल संचालन के बारे में जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल राणा ने ‘‘पुष्ट आतंकी संबंधों’’ के आधार पर लक्ष्यों के चयन के लिए ‘‘सोच समझकर बनाई गई योजना प्रक्रिया’’ के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा घोषित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए गहन बहु-क्षेत्रीय अभियानों के माध्यम से की गई एकीकृत, सटीक और त्वरित प्रतिक्रिया पर भी ‘ब्रीफिंग’ के दौरान प्रकाश डाला गया। एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय ने पोस्ट में कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र बलों के बीच तालमेल से प्रभावी कार्रवाई की गई। इसके साथ ही अंतरिक्ष, साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के क्षेत्रों में भारतीय सशस्त्र बलों की तकनीकी श्रेष्ठता को रेखांकित किया गया।’’ डीआईए के महानिदेशक ने हैशटैग ‘‘ऑपसिंदूर’’, ‘‘जस्टिसइजसर्व्ड’’, ‘‘जीरोटोलरेंसफॉरटेरर’’ का इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘‘प्रतिद्वंद्वी द्वारा चलाए जा रहे निरंतर भारत विरोधी दुष्प्रचार अभियान और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता पर इसके प्रभाव का विश्वसनीय रिकॉर्ड भी प्रस्तुत किया।’’ अधिकारियों ने कहा, ‘‘हमारे देश के दृष्टिकोण के तौर-तरीकों पर भी प्रकाश डाला गया, जिसने प्रभावी ढंग से और तेजी से झूठे विमर्शों का मुकाबला किया।’’
‘ब्रीफिंग’ में शामिल हुए एक रक्षा अताशे ने कहा, ‘‘पिछले दिनों में जो कुछ हुआ है, उसके बारे में सीधे भारतीय सैन्य पक्ष से जानकारी प्राप्त करना अच्छा था क्योंकि इंटरनेट पर बहुत सारी असत्यापित जानकारी मौजूद है।’’ ‘ब्रीफिंग’ के बाद बातचीत में कई अन्य विदेशी रक्षा अताशे ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए। इस संबंध में एक रक्षा अताशे ने कहा, ‘‘हमने पिछले कुछ दिनों में भारतीय सेना और अन्य अधिकारियों द्वारा की गई प्रेस वार्ता को ऑनलाइन देखा है और आज हमें व्यक्तिगत रूप से भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में बताया गया।’’