प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बेहतरीन लीडर्स का विकास जरूरी है और समय की मांग है इसलिए ‘स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप’ की स्थापना विकसित भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण और बड़ा कदम है। कुछ आयोजन ऐसे होते हैं जो हृदय के बहुत करीब होते हैं आज का कार्यक्रम भी ऐसा ही है। राष्ट्र निर्माण के लिए बेहतर नागरिकों का विकास जरूरी है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, ‘जन से जगत’, किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करने के लिए आरंभ जन से ही होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) लीडरशिप कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भी उनके साथ मौजूद रहे।
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कॉन्क्लेव से पहले भूटान के पीएम भारत पहुंचे
शेरिंग टोबगे गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे, जहां उनका स्वागत केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने किया। इस कार्यक्रम में उनका आना भारत-भूटान संबंधों में एक मील का पत्थर है, जो दोनों देशों के बीच घनिष्ठ राजनयिक संबंधों की बात करता है।
विचारशील नेताओं के लिए एक प्रमुख मंच
21 से 22 फरवरी तक चलने वाले दो दिवसीय SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव का उद्देश्य राजनीति, खेल, कला और मीडिया, अध्यात्म, सार्वजनिक नीति, व्यापार, सामाजिक क्षेत्र विभिन्न क्षेत्रों के प्रभावशाली नेताओं को एक साथ लाना है।
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एसओयूएल क्या है
स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (एसओयूएल) गुजरात में एक भविष्य का नेतृत्व स्कूल है जो वास्तविक नेताओं को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है जो जनता की भलाई के लिए काम करेंगे। इसका उद्देश्य राजनीतिक वंशावली के बजाय सार्वजनिक सेवा के लिए योग्यता, समर्पण और उत्साह प्रदर्शित करने वाले व्यक्तियों को औपचारिक प्रशिक्षण और अवसर प्रदान करके भारत के राजनीतिक नेतृत्व पूल में विविधता लाना है।