ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ जगहों पर आतंकवादियों और आतंकवादी ढांचे पर लक्षित हमलों के तुरंत बाद, एनएसए अजीत डोभाल ने कई देशों के अपने समकक्षों से बात की, जिनमें अमेरिकी एनएसए और विदेश मंत्री मार्को रुबियो, यूके एनएसए जोनाथन पॉवेल, सऊदी एनएसए मुसैद अल ऐबन, यूएई एनएसए शेख तहनून, यूएई के एनएससी के महासचिव अली अल शम्सी और जापान के एनएसए मसाटाका ओकानो शामिल हैं।
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रूसी एनएसए सर्गेई शोइगु, चीन के विदेश मंत्री वांग यी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल बोने के कूटनीतिक सलाहकार से भी संपर्क स्थापित किया गया। एनएसए डोभाल ने अपने समकक्षों को की गई कार्रवाई और निष्पादन के तरीके के बारे में जानकारी दी, जो कि मापा हुआ, गैर-बढ़ाने वाला और संयमित था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का इरादा तनाव बढ़ाने का नहीं है, लेकिन अगर पाकिस्तान तनाव बढ़ाने का फैसला करता है तो वह दृढ़ता से जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। एनएसए डोभाल ने चीन से दो टूक शब्दों में कहा है कि भारत पाकिस्तान से जंग नहीं चाहता, लेकिन अगर उसने कोई हिमाकत की तो करारा जबाब मिलेगा।
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गौरतलब है कि भारती की कार्रवाई के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा था कि हम मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के पड़ोसी हैं और हमेशा रहेंगे। वे दोनों चीन के पड़ोसी भी हैं। पहलगाम आतंकवादी हमले का स्पष्ट संदर्भ देते हुए उसने कहा कि चीन हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है। इसमें कहा गया, हम दोनों पक्षों से शांति व स्थिरता के व्यापक हित के लिए काम करने, शांति कायम रखने, संयम बरतने और ऐसी कार्रवाई करने से बचने का आग्रह करते हैं जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है।
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