अफगान तालिबान के शरणार्थियों के लिए कार्यवाहक मंत्री खलील रहमान हक्कानी देश की राजधानी काबुल में एक विस्फोट में मारे गए हैं, उनके भतीजे अनस हक्कानी ने इसकी जानकारी दी है। 2021 में अफगानिस्तान से विदेशी सेनाओं की वापसी के बाद खलील हक्कानी तालिबान की अंतरिम सरकार में मंत्री बने। अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, वह हक्कानी नेटवर्क का एक वरिष्ठ नेता था, एक आतंकवादी गुट जिसे 20 साल के युद्ध के दौरान बड़े हमलों के लिए दोषी ठहराया गया था।
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हक्कानी ग्रुप की गिनती तालिबान के सबसे खूंखार धड़े में होती है। ये वही गुट है जिसने अफगानिस्तान में पहली बार आत्मघाती हमलों की शुरुआत की थी। उसके बाद से इस गुट ने सैकड़ों बार पूरे देश में आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया है। इनमें कई विदेशी दूतावास, राजनयिकों और सैन्यकर्मियों पर हुए हमले भी शामिल हैं। ऐसे में सवाल उठत है कि अफगानिस्तान में हक्कानी समूह को चुनौती कौन दे सकता है। आशंका जताई जा रही है कि वो काम इस्लामिक स्टेट खोरसान प्रांत का हो सकता है।