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Canada में खालिस्तान समर्थकों ने फिर सिर उठाया, वैंकूवर में भारतीय दूतावास घेराव की धमकी

भारत और कनाडा के बीच सामान्य होते राजनयिक रिश्तों के बीच खालिस्तानी संगठनों ने फिर सिर उठाना शुरू कर दिया है। प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा कनाडा के वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास की घेराबंदी की हालिया धमकी ने एक बार फिर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच चिंता बढ़ा दी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारियों के अनुसार, यह धमकी खासकर भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को मिली कूटनीतिक हार के बाद पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा चलाई जा रही एक व्यापक मनोवैज्ञानिक युद्ध रणनीति का हिस्सा है। हालाँकि एसएफजे अपने मनोवैज्ञानिक अभियानों के तहत भड़काऊ बयानबाज़ी के लिए जाना जाता है, फिर भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियाँ इस खतरे को हल्के में नहीं ले रही हैं। खुफिया जानकारी से पता चलता है कि कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों में स्थित खालिस्तानी संगठनों में हताशा बढ़ रही है, क्योंकि भारत, खासकर पंजाब में अपनी पकड़ बनाने की उनकी कोशिशें बार-बार नाकाम रही हैं। ज़मीनी स्तर पर समर्थन की कमी के बावजूद, ये समूह विदेशों में अपनी गतिविधियाँ बढ़ा रहे हैं।

सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने गुरुवार को को वेंकुवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास (कांसुलेट) के ‘घेराव’ का ऐलान किया है। एसएफजे ने नागरिकों से अपील की है कि उस दिन दूतावास न जाएं। समूह ने एक पोस्टर भी जारी किया है जिसमें नए भारतीय उच्चायुक्त दिनिश पटनायक की तस्वीर पर निशाना साधा है। उनका आरोप है कि भारतीय दूतावास खालिस्तानी समर्थकों पर नजर रखता है। एसएफजे का दावा है कि खतरे के चलते कनाडा पुलिस को निज्जर के उत्तराधिकारी इंदरजीत सिंह गोसल को ‘विटनेस प्रोटेक्शन’ में रखना पड़ा। हालांकि भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। खालिस्तानी संगठनों के प्रदर्शनों को देखते हुए वेंकुवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ाई गई है।

खालिस्तानी गतिविधियों का सबसे बड़ा केंद्र है वेंकुवर

सिख्स फॉर जस्टिस ने इस ‘घेराव अभियान’ के लिए वेंकुवर को इसलिए चुना है क्योंकि यह खालिस्तानी गतिविधियों का गढ़ माना जाता है। हरदीप सिंह निज्जर की हत्या भी जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे स्थित गुरुद्वारे के बाहर हुई थी, जिसने खालिस्तान समर्थकों में बड़ा असंतोष पैदा किया। वेंकुवर में भारतीय दूतावास लंबे समय से उनके निशाने पर रहा है। वेंकुवर से संदेश देने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि यह खालिस्तानी आंदोलन का प्रमुख केंद्र है और यहां बड़ी संख्या में पंजाबी प्रवासी रहते हैं।

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