इस वक्त पूरी दुनिया के दिमाग पर दो देशों के एयर डिफेंस सिस्टम छाए हुए हैं। भारत के स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम आकाश और रूस के एस 400 ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है। आकाश और एस 400 ने जैसे भारत के लिए एक अभेद सुरक्षा कवच बनाया उसे देखने के बाद दोनों एयर डिफेंस सिस्टम को बनाने वाली कंपनियों के स्टॉक्स में जबरदस्त उछाल आ गया है। इसी बीच एक बड़ी खबर आई है कि भारत ने रूस से एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम की कई और मिसाइलें मांगी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम के सफल इस्तेमाल के बाद भारत ने रूस से कहा है कि हमें और मिसाइलें चाहिए।
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इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायुसेना के आदमपुर बेस का दौरा किया और स्टेशन में मौजूद बहुमूल्य एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट करने के पाकिस्तान के दावे को खारिज किया। संघर्ष के दौरान आधिकारिक ब्रीफिंग के दौरान रक्षा बलों ने भी पाकिस्तान के “झूठे बयानों” को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया था और कहा था कि सभी भारतीय रक्षा बुनियादी ढांचे पूरी तरह से चालू हैं और किसी भी तनाव का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने में सक्षम हैं।
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रूस निर्मित एस-400 वायु रक्षा प्रणाली भारत में ‘सुदर्शन चक्र’ कहा जाता है। दुनिया की सबसे उन्नत प्रणालियों में से एक है, जो 600 किमी दूर तक के लक्ष्यों को ट्रैक करने और 400 किमी तक की दूरी पर उन्हें नष्ट करने में सक्षम है। जाहिर सी बात है कि रूस डिमांड के हिसाब से भारत को और एस 400 मिसाइलें भेजेगा। लेकिन इसी बीत रूस ने भारत को एक ऐसा ऑफर दे दिया है, जिसने कई देशों में हड़कंप मचा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस भारत के साथ मिलकर एस 400 से भी कई गुणा खतरनाक और एडवांस एस 500 एयर डिफेंस सिस्टम बनाना चाहता है।
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रूस भारत का बेहद करीबी मित्र है। भारत पर अगर कभी किसी ने उंगली उठाई या अंतरराष्ट्रीय मंच पर कभी समर्थन की जरूरत पड़ी तो रूस ने हमेशा पहली कतार में खड़े होकर या फिर यूं कहें कि भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा। यह हथियार भारत को मिल गया तो चीन और पाकिस्तान जैसे देशों की मुश्किलें कितनी बढ़ जाएगी यह आप समझ ही सकते हैं। रिपोर्ट बताते हैं कि भारत और रूस मिलकर एस 500 का ज्वाइंट प्रोडक्शन भी कर सकते हैं। रूस के साथ मिलकर एस 500 के ज्वाइंट प्रोडक्शन का ऑफर मॉस्को की तरफ से दिया गया है। हालांकि सुरक्षा मामलों को देखते हुए इस प्रस्ताव की पूरी जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। लेकिन खबरें बता रही हैं कि जल्द ही एस 500 को लेकर भी रूस और भारत के बीच डील फाइनल हो सकती है।
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