संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान की बड़ी फजीहत सामने आई है। पाकिस्तान की हालत इन दिनों ऐसी हो चली है कि वो सीधे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने जाकर गिड़गिड़ाने लगा है। यूएनएससी की बैठक के बाद कोई भी निष्कर्ष नहीं निकला है। यूएनएससी की तरफ से कोई भी बयान जारी नहीं किया गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान को झटका देते हुए क्लीयर कट कह दिया कि पहले पीओके से अपने सैनिक हटाओ। तभी कोई बातचीत संभव है। वहीं भारत से कहा कि थोड़ा रुक जाइए। वहीं बैठक के बाद पाकिस्तान ने फिर से कश्मीर का राग अलापा है। पाकिस्तान के अनुरोध के बाद यूएनएससी की क्लोज डोर मीटिंग बुलाई गई थी।
इसे भी पढ़ें: LoC के पास आज फिर पकड़ा गया एक पाकिस्तानी नागरिक, भारत ने बढ़ा दी है अपनी चौकसी
सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने अपने अनौपचारिक सत्र में पाकिस्तान से कड़े सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से मुद्दों को सुलझाने की सलाह दी गई। सूत्रों ने कहा कि आतंकवादी हमले की व्यापक निंदा की गई और जवाबदेही की आवश्यकता को स्वीकारा गया। कुछ सदस्यों ने विशेष रूप से धार्मिक आस्था के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाने का मुद्दा उठाया। यूएनएससी सदस्यों ने पूछा कि क्या पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के इसमें शामिल होने की संभावना है या नहीं। सुरक्षा परिषद की यह बैठक सोमवार दोपहर को लगभग डेढ़ घंटे तक चली। बैठक का आयोजन यूएनएससी चैंबर में नहीं बल्कि उसके बगल के परामर्श कक्ष में हुआ।
इसे भी पढ़ें: India-Pakistan tensions: सीमा पर फिर से जिंदा हो रहे दशकों पुराने बंकर, 1965 और 1971 की यादें ताजा
स्थिति का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के प्रयास भी विफल रहे। कई सदस्यों ने चिंता व्यक्त की कि पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षण और परमाणु बयानबाजी ने स्थिति को बिगाड़ने का काम किया। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में देश के उद्देश्य काफी हद तक पूरे और हासिल किए गए। उन्होंने कहा कि बंद कमरे में हुई बैठक का उद्देश्य परिषद के सदस्यों को भारत-पाकिस्तान के बीच बिगड़ते सुरक्षा माहौल और बढ़ते तनाव पर चर्चा करने तथा इस स्थिति से निपटने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाना है। इसमें गंभीर परिणाम पैदा करने वाले टकराव से बचना और तनाव कम करने की आवश्यकता भी शामिल है। अहमद ने परिषद के सदस्यों को उनकी भागीदारी और संयम, तनाव कम करने और बातचीत के लिए उनके आह्वान के लिए धन्यवाद दिया।