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अब रसोई तक पहुंचा रूस, दोस्ती निभाना कोई भारत से सीखे, पुतिन कभी नहीं भूलेंगे ये एहसान

भारत और रूस की यारी ने एक बार फिर पूरी दुनिया की नींद उड़ा दी है। ये यारी सिर्फ हथियारों और तेल तक सीमित नहीं है बल्कि अब ये हमारी थाली तक पहुंच चुकी है। दुनिया को ये साफ-साफ संदेश मिल गया है कि दोस्ती अगर है तो भारत और रूस जैसी है। जहां एक ने मुश्किल वक्त में साथ दिया तो दूसरे ने दिल खोलकर भरोसा जताया। तेल छोड़कर दाल खरीदने की ये कहानी सिर्फ व्यापार की नहीं बल्कि रिश्तों की गहराई की है। पुतिन इस एहसान को कभी नहीं भूलेंगे। दरअसल, ताजा रिपोर्ट ने सभी को हैरान कर दिया। रूस के फेडरल एग्रो सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार 2025 में भारत ने रूस से 9.46600 टन दालें खरीदी। इसकी कीमत लगभग 460.9 मिलियन डॉलर यानी करीब 38 अरब रुपए।

इतना ही नहीं 2024 में रूस, कनाडा के बाद भारत का मटर का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया। भारत ने साल 2024 में रूस से 44.9 मिलियन डॉलर मूल्य के 896,800 टन मटर का निर्यात किया। पहली बार रूस 2.6 बिलियन डॉलर की बिक्री के साथ भारतीय बाजार में शीर्ष पांच कृषि निर्यातकों में शामिल हो गया। मतलब कि अब केवल हथियार और तेल बेचने वाला साझेदार नहीं बल्कि रूस हमारी रसोई तक पहुंच चुका है। ये भारत के लिए गर्व की बात है क्योंकि भारत अपनी दोस्ती निभा रहा है। तेल और गैस का व्यापार तो दुनियाभर में विवादों में फंसा रहता है। लेकिन दालों का सौदा असली भरोसा साबित करता है। 

भारत ने दिखा दिया कि हम दोस्ती केवल बड़े प्रोजेक्ट में नहीं बल्कि रोजमर्रा की जरूरतों में भी निभाते हैं। ट्रंप के टैरिफ के दबाव के बावजूद भारत ने रिकॉर्ड स्तर पर रूस से तेल खरीदना अभी भी बंद नहीं किया है। अगस्त में भारत ने पिछले महीने यानी की जुलाई के मुकाबले ज्यादा तेल खरीदा है। वहीं रूस से तेल खरीदने में चीन भी पीछे नहीं हटा। चीन भी बराबर और बड़े स्तर पर तेल खरीद रहा है। जुलाई के मुकाबले अगस्त में चीन ने रूस से तेल जरूर कम खरीदा। लेकिन ये इतना कम नहीं था की रूस को झटका लगे। 

अगस्त में तो भारत ने रूस से लगातार तेल खरीदकर अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब दे दिया। अगस्त में भारत ने रूस से 2.9 बिलियन यूरो यानी करीब साढ़े तीन अरब डॉलर का तेल खरीदा। ये चीन के 3.1 बिलियन यूरो यानी 3.64 अरब डॉलर के बहुत करीब है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत का तेल आयात जुलाई में 2.7 बिलियन यूरो था। अगस्त में ये बढ़कर 2.9 बिलियन यूरो हो गया है। वहीं चीन का तेल आयात जुलाई में 4.1 बिलियन यूरो था जो अगस्त में घटकर 3.1 बिलियन यूरो हो गया। चीन ने रूस से तेल खरीदने में थोड़ी कमी जरूर लाई। लेकिन भारत ने तो सबको चौंका दिया। भारत ने 50 प्रतिशत टैरिफ के बावजूद जुलाई में रूस से रिकॉर्डतोड़ स्तर पर तेल खरीदा। भारत का तेल आयात जुलाई से बढ़कर अगस्त में और ज्यादा दिख रहा है। अमेरिका भारत पर दबाव डाल रहा है कि वो रूस से तेल न खरीदे। लेकिन इस धमकी के बावजूद भारत तो लगातार रिकॉर्डस्तर पर तेल खरीदकर सबको चौंका रहा है

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