अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान के प्रति प्रेम क्यों उमड़ रहा है यह बात अब जगजाहिर हो गयी है। विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था भारत के प्रधानमंत्री से ट्रंप रोजाना उस पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की तुलना कर रहे हैं जोकि बिना कर्ज के एक दिन भी नहीं चल सकता। हम आपको बता दें कि यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान ने वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF) नामक जिस क्रिप्टो कंपनी के साथ करार किया है उसमें डोनाल्ड ट्रंप के परिवार की 60 फीसदी हिस्सेदारी है। यह समझौता WLF और हाल ही में स्थापित पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के बीच हुआ था। पाकिस्तान ने पिछले महीने की शुरुआत में ही दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बिनेंस के संस्थापक चांगपेंग झाओ (CZ) को अपना सलाहकार नियुक्त किया था। इस काउंसिल का उद्देश्य है इस्लामाबाद को एशिया की क्रिप्टो राजधानी बनाना। यहां एक और रोचक बात यह है कि चांगपेंग झाओ का जन्म चीन में हुआ था और वह कनाडा के उद्योगपति हैं।
खास बात यह है कि पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल मुश्किल से एक महीने पुरानी थी, फिर भी WLF ने अपने बड़े प्रतिनिधियों को इस्लामाबाद भेजा, जिनमें ज़ैकरी विटकॉफ़ भी शामिल थे, जो ट्रंप के गोल्फ साथी स्टीव विटकॉफ़ के बेटे हैं। जब ज़ैकरी विटकॉफ पाकिस्तान आये तो प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने उनका ज़ोरदार स्वागत किया था। इसके कुछ ही दिनों बाद जनरल मुनीर ने भड़काऊ भाषण दिया और उसके बाद पहलगाम में पर्यटकों की “धार्मिक पहचान के आधार पर सामूहिक हत्या” की गयी।
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हम आपको बता दें कि WLF के हिस्सेदारों में ट्रंप के दो बेटे एरिक और डोनाल्ड ट्रंप जूनियर शामिल हैं, जो अपने बहनोई जेरेड कुशनर के साथ मिलकर दुनियाभर में लाभकारी व्यापारिक सौदों की तलाश में हैं और व्हाइट हाउस से अपने संबंधों का लाभ उठाने के आरोपों का सामना भी कर चुके हैं। हम आपको बता दें कि ट्रंप के दोस्त स्टीव विटकॉफ़ भी ट्रंप की तरह न्यूयॉर्क केंद्रित रियल एस्टेट अरबपति हैं और वॉशिंगटन डीसी में “सबसे प्रभावशाली व्यक्ति” माने जाते हैं। फ्लोरिडा में ट्रंप के गोल्फ रिज़ॉर्ट मार-ए-लागो में नियमित रूप से जाने वाले विटकॉफ़ ने विश्व का ध्यान अपनी ओर तब आकर्षित किया जब उन्होंने ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान इज़रायल, यूएई और बहरीन के बीच अब्राहम समझौते करवाए थे। अब ट्रंप ने उन्हें रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते की जिम्मेदारी सौंपी है।
बहरहाल, ट्रंप भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर खुद को मध्यस्थ के रूप में जिस तरह लगातार प्रस्तुत कर रहे हैं उससे कई लोग यह सोचने पर मजबूर हो गये हैं कि क्या पाकिस्तान की WLF के साथ क्रिप्टोकरेंसी में साझेदारी पहले से ही परिणाम देने लगी है?