Breaking News

Prabhasakshi Exclusive: RAND Corporation Report ने China’s People’s Liberation Army के बारे में जोरदार खुलासा कर दिया है

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि चीनी सेना की क्षमताओं पर आयी रैंड कॉर्पोरेशन रिपोर्ट को आप कैसे देखते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि प्रमुख थिंक टैंक रैंड कॉरपोरेशन की एक नई रिपोर्ट ने चीन के तेजी से सैन्य आधुनिकीकरण के बावजूद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की युद्ध तैयारी पर संदेह जताया है। उन्होंने कहा कि ऐसा तब है जबकि चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बनाई है और अपनी वायु सेना, मिसाइल क्षमताओं और साइबर युद्ध उपकरणों को बढ़ाना जारी रखा है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट का तर्क है कि पीएलए उच्च तीव्रता वाले युद्ध की तैयारी की बजाय मूल रूप से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) शासन को बनाए रखने पर केंद्रित है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ये निष्कर्ष उस प्रमुख आख्यान को चुनौती देते हैं कि चीन की सैन्य प्रगति उसे अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए एक आसन्न सैन्य खतरा बनाती है, खासकर इंडो-पैसिफिक में। उन्होंने कहा कि इसके बजाय, रिपोर्ट बताती है कि पीएलए की मुख्य प्राथमिकता आंतरिक स्थिरता और राजनीतिक नियंत्रण है। उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच संभावित संघर्ष, खासकर ताइवान को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि कुछ सैन्य विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि चीन 2027 तक निर्णायक सैन्य बढ़त हासिल कर सकता है। हालाँकि, RAND रिपोर्ट बताती है कि अपने प्रभावशाली शस्त्रागार के बावजूद, चीन की सेना को अभी भी आधुनिक युद्ध के लिए आवश्यक जटिल संयुक्त अभियान चलाने की अपनी क्षमता साबित करनी है।

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: Riyadh में हुई बैठक में नहीं बुलाये जाने से नाराज Zelenskyy के तेवर क्या दर्शा रहे हैं?

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि एक और रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खुफिया आकलन से पता चलता है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेना में से भ्रष्टाचार का सफाया करने के लिए हाल में कई कदम उठाये। उन्होंने कहा कि चीन में व्यापक भ्रष्टाचार ने देश की सैन्य तैयारी के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट चीनी सेना को मजबूत करने और चीन की रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने के शी के प्रयासों की प्रभावशीलता पर संदेह पैदा करती है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अमेरिकी अधिकारी अब मानते हैं कि भ्रष्टाचार के पैमाने के कारण निकट भविष्य में शी द्वारा बड़ी सैन्य कार्रवाई करने की संभावना कम हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रमुख सैन्य क्षेत्रों में व्यापक कदाचार ने चीन की युद्ध लड़ने की क्षमताओं को काफी कमजोर कर दिया है, जिससे इसकी परिचालन तैयारियों को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि ऐसा संकेत मिलता है कि आक्रामक सैन्य पहल को आगे बढ़ाने के बजाय, शी को आंतरिक कमजोरियों को दूर करने और चीन के रक्षा बुनियादी ढांचे में विश्वास बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि चीन की सेना राजनीतिक रूप से विवश रहती है और भ्रष्टाचार और आंतरिक अक्षमताओं से जूझती रहती है, तो अमेरिका के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध की संभावना बहुत कम हो सकती है।

Loading

Back
Messenger