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Visa-Free Provision 2026 तक बढ़ाया, फिर क्यों 10 भारतीयों को मलेशिया में प्रवेश करने से क्यों रोका गया?

मलेशियाई सीमा नियंत्रण एवं सुरक्षा एजेंसी (एकेपीएस) ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 10 भारतीयों सहित 99 विदेशी नागरिकों को कुआलालंपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देश में प्रवेश करने से रोक दिया। अधिकारियों ने बताया कि इन नागरिकों की हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 पर सुरक्षा जाँच की गई और यह आगंतुकों की जाँच के लिए सात घंटे तक चले एक बड़े अभियान का हिस्सा था। कुल 400 यात्रियों की जाँच की गई, जिनमें से 99 को देश में प्रवेश करने से रोक दिया गया। जिन लोगों को प्रवेश से वंचित किया गया, वे सभी पुरुष थे, जिनमें 80 बांग्लादेशी, 10 भारतीय और नौ पाकिस्तानी शामिल थे। उन्हें प्रवेश से इसलिए वंचित किया गया क्योंकि वे आव्रजन जांच के मानकों को पूरा नहीं कर पाए, जिनमें संदिग्ध यात्रा के कारण और यात्रा रिकॉर्ड शामिल थे। 

बयान में कहा गया है कि मौजूदा कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार अपने मूल देशों में निर्वासित किए जाने से पहले उन्हें आगे की दस्तावेज़ प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा। इसमें यह भी कहा गया है कि इस अभियान में पृष्ठभूमि की जाँच, यात्रा दस्तावेजों का सत्यापन और व्यक्तिगत साक्षात्कार शामिल थे।

एकेपीएस ने बताया कि मानव तस्करी को रोकने और अल्पकालिक आगंतुक पास के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने की व्यापक पहल के तहत इस तरह के अभियान नियमित रूप से चलाए जाएँगे। गौरतलब है कि यह कदम मलेशिया द्वारा भारतीय पर्यटकों के लिए वीज़ा-मुक्त प्रवेश सुविधा को 31 दिसंबर, 2026 तक बढ़ाए जाने के बाद उठाया गया है। इसके तहत, भारतीय बिना वीज़ा के 30 दिनों तक मलेशिया में रह सकते हैं। मलेशियाई सरकार को उम्मीद है कि प्रवेश प्रक्रिया को सरल बनाकर, वह अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर सकेगी और देश के भीतर उनके खर्च को बढ़ा सकेगी, जिससे मलेशिया के आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा।

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