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ट्रंप और नए पोप का क्या है कनेक्शन? PM मोदी ने कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैथोलिक समुदाय को कार्डिनल रॉबर्ट प्रीवोस्ट के नए पोप के रूप में चुने जाने पर बधाई दी। कैथोलिक चर्च के 2,000 साल के इतिहास में कार्डिनल रॉबर्ट प्रीवोस्ट पहले अमेरिकी पोप चुने गए हैं। 69 वर्षीय प्रीवोस्ट ने लियो XIV नाम अपनाया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मैं भारत के लोगों की ओर से परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। कैथोलिक चर्च का उनका नेतृत्व शांति, सद्भाव, एकजुटता और सेवा के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए बहूत महत्वपूर्ण क्षण में आया है। भारत हमारे साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए होली सी के साथ निरंतर संवाद और जुड़ाव के लिए प्रतिबद्ध है। 

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कैथोलिक चर्च के इतिहास के दो हजार साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब कोई अमेरिकी पोप चुना गया है।  कैथोलिक चर्च के पहले अमेरिकी पोप लियो 14वें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की नीतियों और बयानों की सोशल मीडिया पर आलोचना कर चुके हैं। पोप लियो 14 की पहली प्रार्थना सभा शुक्रवार को आयोजित की गई जिसमें उन्होंने सिस्टिन चैपल में उन सभी कार्डिनल के साथ भाग लिया, जिन्होंने उन्हें पोप फ्रांसिस का उत्तराधिकारी चुना। सफेद परिधान पहने हुए, लियो सिस्टिन चैपल में आगे बढ़ते जब वेदी (आल्टर) और उसके पीछे माइकल एंजेलो के ‘द लास्ट जजमेंट’ के पास पहुंचे तो उन्होंने सभी कार्डिनल को आशीर्वाद दिया। 

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ट्रंप ने पोप फ्रांसिस के निधन के बाद आधिकारिक शोक के दौरान अपनी एक कृत्रिम मेधा (एआई) से बनाई गई तस्वीर पोस्ट की थी जिसमें वह पोप की पोशाक में दिख रहे थे। ट्रंप के इस कृत्य से वेटिकन में हलचल मच गई और इटली के पूर्व प्रधानमंत्री रोमानो प्रोडी ने इसे आस्था के मामलों में अनुचित राजनीतिक हस्तक्षेप बताया था। पिछले महीने ‘यूएस कॉन्फ्रेंस ऑफ कैथोलिक बिशप्स’ ने शरणार्थियों और प्रवासी बच्चों की सेवा के लिए अमेरिकी सरकार के साथ 50 वर्षों से जारी साझेदारी को समाप्त कर दिया। यह निर्णय ट्रंप प्रशासन द्वारा अचानक वित्तीय सहायता रोकने के बाद लिया गया। पोप लियो के अधिकतर सोशल मीडिया पोस्ट कैथोलिक चर्च और उसके पहलुओं से संबंधित होते हैं। वह बहुत कम अपनी व्यक्तिगत राय देते हैं, लेकिन अपनी ‘टाइमलाइन’ पर कई बार उन्होंने उन नीतियों की आलोचना की है, जो अमेरिका में प्रवासियों और शरणार्थियों के प्रवेश को सीमित करती हैं। 

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