प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से हमने जानना चाहा कि कनाडा में लगातार चरमपंथियों को महत्व दिया जा रहा है। हाल में ब्रैम्पटन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए झांकी निकाले जाने की घटना सामने आई है। इसको कैसे देखते हैं आप? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कनाडा में जो कुछ हो रहा है वह उस देश के लिए भी ठीक नहीं है। कनाडा में कभी हिंदू मंदिरों पर हमला होता है, कभी भारत से जुड़े संस्थानों को निशाना बनाया जाता है तो कभी खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की जाती है और अब जो कुछ हुआ है वह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसलिए भारत सरकार ने बड़े कठोर शब्दों में इस मामले को लेकर कनाडा के समक्ष अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि भारत ने ब्रैम्पटन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए झांकी निकाले जाने की घटना के दृश्य सोशल मीडिया पर आने के बाद कनाडा पर अलगाववादियों एवं चरमपंथियों को महत्व देने को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सही कहा है कि कनाडा का अपनी जमीन से भारत विरोधी तत्वों को काम करने की अनुमति देना न केवल उसके लिए बल्कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए भी ठीक नहीं है। इसके अलावा, भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने भी ट्वीट किया है कि हिंसा या घृणा के महिमामंडन के लिए कनाडा में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा है कि कनाडा में एक कार्यक्रम की खबरों से मैं स्तब्ध हूं जिसमें दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का उत्सव मनाया गया। कनाडा में हिंसा या घृणा का महिमामंडन करने के लिए कोई स्थान नहीं है।
इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: Rajnath Singh ने US-Germany के साथ जो रक्षा करार किये हैं उससे China को कितना डरने की जरूरत है?
उन्होंने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री गठबंधन सरकार चला रहे हैं। उन्हें जिस दल का समर्थन मिला हुआ है वह चरमपंथियों के समर्थन वाला दल है इसलिए शायद जस्टिन ट्रूडो को गठबंधन सरकार की मजबूरी के चलते खालिस्तानी तत्वों को सहन करना पड़ रहा है। लेकिन उनको समझना चाहिए कि यह उनके अपने हित में भी नहीं है। जहां तक ब्रिटिश कोलंबिया की बात है तो वहां तो इन चरमपंथियों का बहुमत है ही इसलिए अधिकांश घटनाएं भी वहीं से सामने आती हैं।