गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) और हमरो पार्टी ने ‘पश्चिम बंगाल को विभाजित करने की किसी भी कोशिश’ के विरूद्ध विधानसभा से पारित किये गये प्रस्ताव के विरूद्ध 23 फरवरी को दार्जलिंग पर्वतीय क्षेत्र में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह किसी भी ‘जबरन बंद’ की अनुमति नहीं देंगी। उन्होंने प्रशासन से स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्य को विभाजित करने की किसी भी कोशिश के विरूद्ध सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे ‘राजनीतिक स्टंट’ बताया था।
जीजेएम और हमरो पार्टी से गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के नौ सभा सदस्य इस प्रस्ताव के विरूद्ध मंगलवार सुबह भूख हड़ताल पर बैठ गये।
हमरो पार्टी के प्रमुख अजय एडवर्ड्स ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ जीजेएम और हमरो पार्टी ने पश्चिम बंगाल के विभाजन के विरूद्ध विधानसभा से पारित किये गये प्रस्ताव के खिलाफ 23 फरवरी को दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पर्वतीय क्षेत्र के लोग स्थायी राजनीतिक समाधान चाहते हैं। भाजपा नीत केंद्र सराकर को हमारी मांग पर अवश्य गौर करना चाहिए।’’
इस पर्वतीय क्षेत्र में बंद का आह्वान 2017 के आंदोलन के छह साल बाद किया गया है। यहां 2017 में पृथक राज्य की मांग के साथ 104 दिन तक आंदोलन चला था।
बनर्जी ने कहा, ‘‘ इस पर्वतीय क्षेत्र में कुछ ऐसे लोग हैं जो कभी-कभी नींद से जगते हैं और शांति एवं स्थायित्व भंग करने की धमकी देते हैं। इस पर्वतीय क्षेत्र में जबरन बंद के लिए कोई अनुमति नहीं होगी।
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