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Mahadev Satta App: दिल्ली-मुंबई सहित कई शहरों में रेड, 580 करोड़ रुपए ED ने किए जब्त

प्रवर्तन निदेशालय ने महादेव सट्टेबाजी ऐप मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के सिलसिले में छह शहरों में हाल की छापेमारी के बाद दुबई स्थित ‘हवाला ऑपरेटर’ की 580 करोड़ रुपये की सुरक्षा संपत्ति जब्त कर ली है और 3.64 करोड़ रुपये की नकदी और कीमती सामान जब्त कर लिया है। ताज़ा छापेमारी 28 फरवरी को कोलकाता, गुरुग्राम, दिल्ली, इंदौर, मुंबई और रायपुर में की गई। जांच एजेंसी ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकियों के आधार पर जांच शुरू की। बाद में विशाखापत्तनम पुलिस समेत अन्य शहरों की पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज कीं। जांच से पता चला कि महादेव ऐप से जुड़े ऑपरेशन दुबई से चलाए जा रहे हैं और अपने ज्ञात सहयोगियों को 70-30 लाभ अनुपात पर फ्रेंचाइजी ‘पैनल/शाखाओं’ के साथ चलाया जा रहा है।

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सिंडिकेट के प्राथमिक प्रमोटरों पर ‘रेड्डी अन्ना’ और ‘फेयरप्ले’ जैसे कई अन्य ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के साथ संबद्ध होने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय की जांच से पता चला है कि सट्टेबाजी की आय को विदेशी खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर ‘हवाला’ ऑपरेशन किए जाते हैं। संघीय एजेंसी ने कोलकाता के मूल निवासी लेकिन वर्तमान में दुबई में रहने वाले हरि शंकर टिबरेवाल की पहचान ‘हवाला ऑपरेटर’ के रूप में की है। प्रवर्तन निदेशालय ने पाया कि उन्होंने महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों के साथ साझेदारी की थी।

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एजेंसी ने उनके और उनके सहयोगियों के परिसरों पर छापे मारे, जिससे पता चला कि टिबरेवाल अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों में से एक ‘स्काईएक्सचेंज’ का मालिक था और उसे संचालित करता था। अपनी दुबई स्थित संस्थाओं के माध्यम से, वह सट्टेबाजी से प्राप्त आय को विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) मार्ग के माध्यम से भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर रहा था। टिबरेवाल ने अपने कई सहयोगियों को कई कंपनियों में ‘निदेशक’ के रूप में नियुक्त किया था जो शेयर बाजार में निवेश करके सट्टेबाजी की आय को कम करने में शामिल थे। तदनुसार, पीएमएलए 2002 के तहत जांच एजेंसी द्वारा उनके स्वामित्व वाली संस्थाओं के नाम पर 580 करोड़ रुपये की सुरक्षा होल्डिंग्स को जब्त कर लिया गया है। अब तक, प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है और दो आरोप पत्र दायर किए हैं, जिनमें सट्टेबाजी ऐप के मुख्य प्रमोटरों – सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ आरोप पत्र भी शामिल हैं। जांच एजेंसी के अनुसार, मामले में कुल खाते फिलहाल 1296.05 करोड़ रुपये के फ्रीज किए गए हैं, जबकि अपराध से होने वाली अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है।

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