कर्नाटक सरकार ने तत्काल प्रभाव से सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम टास्क फोर्स लागू करने का फैसला किया है। गृह मंत्री जी परमेश्वर ने यह घोषणा तटीय और मध्य जिलों में हाल के हफ्तों में हुई हिंसक हत्याओं की घटनाओं के बाद की है। परमेश्वर ने पुष्टि की कि सरकार मंगलुरु में अब्दुल रहीम उर्फ इम्तियाज की हाल ही में हुई हत्या को अत्यंत गंभीरता से ले रही है और सांप्रदायिक हिंसा की किसी भी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाएगी। परमेश्वर ने मीडिया को बताया कि सरकार ने दक्षिण कन्नड़, उडुपी और शिवमोग्गा जिलों को संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया है।
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उन्होंने कहा कि हम बिना देरी के कार्रवाई करेंगे। अगर ऐसा हर बार होता है, तो हम चुप नहीं बैठ सकते। हम कानून को और सख्त करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले की घटनाओं के बाद सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम टास्क फोर्स के गठन के लिए एक आधिकारिक आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है और सरकार ने अब टास्क फोर्स की समीक्षा करने और तत्काल प्रभाव से उसे लागू करने का संकल्प लिया है। इस संबंध में कार्रवाई करने की जिम्मेदारी राज्य के पुलिस महानिदेशक की होगी।
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गृह मंत्री ने कहा कि हम दक्षिण कन्नड़, उडुपी और शिवमोग्गा जिलों को संवेदनशील क्षेत्र मानेंगे। सरकार सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए बिना देरी के कार्रवाई करेगी। डॉ. परमेश्वर ने यह भी घोषणा की कि वर्तमान में नक्सल विरोधी टास्क फोर्स में कार्यरत आधे कर्मियों को नए सक्रिय सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम टास्क फोर्स में फिर से नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम उन्हें आवश्यक शक्तियां और विशेषाधिकार देंगे। हम तीन जिलों पर अधिक ध्यान देंगे।