राज्यसभा में मंगलवार को भारी हंगामा देखने को मिला। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान पर बहस छिड़ गई। हालांकि, इस दौरान खड़गे ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे बवाल और बढ़ गया। दरअसल, राज्यसभा में नई शिक्षा नीति को लेकर बहस चल रही थी। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे धर्मेंद्र प्रधान की आलोचना कर कर रहे थे और जब उन्हें बोलने से रोका गया तो उन्होंने कहा, “यहां तानाशाही चल रही है।”
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा मैं आपसे (उपसभापति) हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि मुझे (बोलने के लिए) अनुमति दें। आपको क्या-क्या ठोकना है ठीक से ठोकेंगे, सरकार को भी ठोकेंगे। इसके बाद भाजपा और एनडीए सांसद हंगामा करने लगे। खड़गे की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए सदन के नेता और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “…उनके द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा और आसन पर हमला निंदनीय है। उन्हें इसकी निंदा करनी चाहिए और आसन के लिए इस भाषा का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्हें अपने शब्द वापस लेने चाहिए या इसे हटा दिया जाना चाहिए।”
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इसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं आपसे (उपसभापति) माफी मांगता हूं, मैंने आपके लिए इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है। मैंने कहा है कि ‘हम सरकार की नीतियों को ठोकेंगे’। मैं आपसे माफी मांगता हूं, सरकार से नहीं। मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और लोकसभा सीटों के परिसीमन के मुद्दे पर कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सहित अन्य विपक्षी दलों ने मंगलवार को राज्यसभा में भारी हंगामा किया, जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने के 20 मिनट बाद करीब 40 मिनट के लिए बाधित हुई। सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाने के बाद बताया कि कांग्रेस, द्रमुक, आम आदमी पार्टी, बीजू जनता दल (बीजद) सहित कुछ अन्य दलों के सदस्यों की ओर से नियम 267 के तहत कुल 21 नोटिस मिले हैं।